जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले प्राइवेट और अल्पसंख्यक बीएड कॉलेजों के लिए अच्छी खबर है. अब केयू के प्राइवेट और अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी सत्र 2014-15 में एडमिशन लिया जा सकता है.
एडमिशन लेने पर लगी रोक को हटा लिया गया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों के पक्ष में फैसला दिया. साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन को आदेश दिया गया है कि वे तीन दिनों के भीतर संबद्धता देने संबंधी प्रक्रिया को पूरी करें, ताकि कोर्स में किसी प्रकार की देरी ना हो. हालांकि इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि यह आदेश सिर्फ उन्हीं कॉलेजों के लिए लागू किया जायेगा, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
मंगलवार को याचिका संख्या 524 और 525 के जरिये घाटशिला के गालूडीह स्थित स्वामी विवेकानंद बीएड कॉलेज ऑफ एजुकेशन और सरायकेला के इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन के मामले में फैसला दिया गया. जबकि करीम सिटी कॉलेज के याचिका संख्या 472 और जामिनी कांत बीएड की याचिका संख्या 473 के मामले में भी सुनवाई और और फैसला कॉलेज के पक्ष में दिया गया है. करीम सिटी कॉलेज में ही जामिनी कांत बीएड कॉलेज को टैग किया गया था. दोनों ही बीएड कॉलेज को इस सत्र से एडमिशन लेने की हरी झंडी दे दी गयी है. मंगलवार तक कोल्हान के कुल पांच बीएड कॉलेजों को एडमिशन लेने का आदेश दे दिया गया है. इनमें नेताजी सुभाष बीएड कॉलेज, करीम सिटी कॉलेज, जामिनी कांत बीएड कॉलेज, इंस्टीटय़ूट फॉर एजुकेशन और विवेकानंद बीएड कॉलेज शामिल हैं.
30 तक दी जानी है संबद्धता
सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गये रिट पीटीशन पर एक सप्ताह में सुनवाई हुई. इसका कारण था कि बीएड में संबद्धता संबंधी प्रक्रिया अपनायी जाने की अंतिम तिथि 30 जून तक है. इसके बाद अगर किसी कॉलेज के मामले में कोई फैसला भी आता है तो फिर वह इस सत्र के लिए नहीं होगा. तय समय अवधि की वजह से ही लोयोला बीएड कॉलेज प्रबंधन ने मंगलवार को आनन-फानन में इस मामले में वकीलों की राय ली और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो एक दिन के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट मूव करेंगे, लेकिन फिलहाल प्रबंधन के स्तर पर बात चल रही है.