चाईबासा/जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत व नवांगीभूत कॉलेजों में संविदा पर शिक्षक या कर्मचारियों की नियुक्ति कॉलेज नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय स्तर से होगी. मंगलवार को विश्वविद्यालय संपन्न कुलपति संग प्राचार्यो की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
इसके साथ ही कॉलेजों में विभिन्न मद में ली जानेवाली आदि का नकद लेन-देन बंद होगा. बैंक चालान के माध्यम से ही फीस का भुगतान होगा. इसके लिए डॉ सिंह ने प्राचार्यो को जुलाई तक हर हाल में कॉलेज कैंपस में बैंक काउंटर या शाखा खुलवाने का निर्देश दिया.
पहले दिन बैठक में आठ कॉलेजों के प्राचार्य / प्रभारी प्राचार्य शामिल हुए. इसमें कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए विषयवार शिक्षक व छात्रों की संख्या समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई. चाईबासा के तीन, बहरागोड़ा, चांडिल, सरायकेला, चक्रधरपुर के एक-एक व एबीएम कॉलेज, जमशेदपुर के प्राचार्य शामिल हुए. शेष सात कॉलेजों के प्राचार्यो के साथ बैठक बुधवार को होगी. बैठक में की अध्यक्षता कुलपति डॉ सिंह ने की. इसमें प्रतिकुलपति डॉ शुक्ला महंती, रजिस्ट्रार डॉ डीएन महतो, टाटा कॉलेज की प्राचार्या कस्तूरी बोयपाइ, जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद जाट, एबीएम कॉलेज के डॉ एसबी तिवारी, सिंहभूम कॉलेज चांडिल के डॉ जीपी रजवार समेत अन्य कॉलेजों के प्राचार्य शामिल हुए.
पद सृजन को एचआरडी को प्रस्ताव देगा केयू
बैठक में कुलपति डॉ सिंह ने कॉलेजों के कोर्स एवं शिक्षकों की कमी पर बात की. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कॉलेजों में स्वीकृत पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षक, पीएचडी उपाधि धारी, विश्वविद्यालय टॉपर, नेट उत्तीर्ण उम्मीदवारों को पढ़ाने का मौका दिया जायेगा. वहीं जहां शिक्षकों के स्वीकृत पद कम हैं, वहां पद सृजन के लिए विश्वविद्यालय ने कॉलेजों से प्रस्ताव मांगा. सिंडिकेट मीटिंग की मंजूरी के बाद उसे राज्य मानव संसाधन विकास विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. नये शैक्षिणिक सत्र में कक्षाएं बाधित न हों इसके लिए कुलपति ने प्राचार्यो को दो-तीन दिन में शिक्षकों की कमी संबंधी सौंपने का निर्देश दिया.