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गणित में 100% लाने वाले तरणप्रीत ने शेयर किया अनुभव, कहा – हर उदाहरण को अच्छी तरह सॉल्व कर लें
जमशेदपुर : मैथ्स रोज अभ्यास करने वाला विषय है. एक-दो दिन अभ्यास छूट जाने से अगले दिन प्रॉब्लम होने लगती है. इसलिए इस विषय की पहली शर्त है नियमित अभ्यास. इसमें कई फॉर्मूला इस्तेमाल होते हैं. जिसे अलग से याद करने की जरूरत नहीं है. जब आप रोज इसे बनाने लगते हैं तो फॉर्मूला खुद-ब-खुद […]
जमशेदपुर : मैथ्स रोज अभ्यास करने वाला विषय है. एक-दो दिन अभ्यास छूट जाने से अगले दिन प्रॉब्लम होने लगती है. इसलिए इस विषय की पहली शर्त है नियमित अभ्यास. इसमें कई फॉर्मूला इस्तेमाल होते हैं. जिसे अलग से याद करने की जरूरत नहीं है. जब आप रोज इसे बनाने लगते हैं तो फॉर्मूला खुद-ब-खुद याद होता चला जाता है.
आप इस हिसाब से रणनीति बनायें कि प्री से पहले सिलेबस पूरा हो जाये और रिविजन के लिए आपके पास पर्याप्त समय बचे. स्कूल बुक के हर एग्जांपल को अच्छी तरह सॉल्व कर लें. मॉडल टेस्ट पेपर, प्रिवियस इयर को भी देखा जाना चाहिए. इतना कर लेने के बाद आपका कॉन्फिडेंस लेवल हाइ हो जायेगा.
ट्रिग्नोमेट्री और ज्योमेट्री
ट्रिग्नोमेट्री और ज्योमेट्री काफी महत्वपूर्ण चैप्टर हैं. ट्रिग्नोमेट्री में आइडेंटिटी रहता है. जिसके तहत सवाल प्रूफ करने होते हैं. एक-दो बार अभ्यास से यह नहीं होगा. आप इसे जितना बनायेंगे आपकी समझ उतनी विकसित होती जायेगी. आंसर तक किस तरह पहुंचना है यह खुद-ब-खुद होता चला जायेगा. इसमें हाइट एंड डिस्टेंस से भी सवाल पूछे जाते हैं. इसकी बेसिक समझ में आने पर प्रॉब्लम नहीं होगी. वर्ड प्रॉब्लम को अच्छी तरह समझ लें और उसी के अनुरूप फिगर ड्रॉ करें. फिगर बन जाने के बाद समझिये आधा से अधिक सवाल बन गया. इसमें सिर्फ फाॅर्मूला बैठाना पड़ता है.
अल्जेब्रा से आते हैं अधिक मार्क्स
अल्जेब्रा से बहुत क्वेश्चन पूछे जाते हैं. इसे जरूर अच्छी तरह देख लेना चाहिए. लीनियर इनइक्वेशन में सॉल्यूशन निकालकर नंबर लाइन में प्लॉट करना होता है. अलग-अलग सॉल्यूशन के लिए अलग-अलग नंबर लाइन होती है. प्लॉट करने का तरीका भी अलग-अलग हो जाता है. जो अभ्यास से ही संभव है.
नया है एपी-जीपी
हमलोग क्लास आठ और नौ से क्वाड्रेटिक इक्वेशन पढ़ रहे हैं. इसलिए इस चैप्टर में प्रॉब्लम नहीं होती है. बस लेवल थोड़ा हाइ हो जाता है. यह फॉर्मूला बेस्ड चैप्टर है. रेशियो मेें कांपोनेंडो-डिविडेंडो इंपॉर्टेंट है. इससे अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रूव करना रहता है. क्लास 10 के स्टूडेंट्स के लिए एपी और जीपी बिल्कुल नया है. एपी को अरिथमैट्रीक प्रोग्रेशन कहा जाता है. इसके हर टर्म के बीच में कॉमन डिफरेंस होता है. इसमें से कोई खास टर्म फाइंड आउट करना होता है. इसे निकालने के लिए फॉर्मूला होता है. फॉर्मूला सही रहने पर आराम से निकल जाता है.
आसान है प्रोबैबलिटी व कॉमर्शियल मैथमैटिक्स
इक्वेशन ऑफ स्ट्रेट लाइन को भी जरूर देखकर जाना चाहिए. किसी लाइन का इक्वेशन दिया रहता है उसका स्लोप निकालना होता है. यह भी फॉर्मूला बेस्ड है. सम बनाते-बनाते सब हो जाता है. प्रोबैबलिटी और कॉमर्शियल मैथमेटिक्स आसान चैप्टर है. इस चैप्टर से क्वेश्चन करीब-करीब सेम ही पूछा जाता है. इसलिए अधिक तनाव लेने की जरूरत नहीं है.
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