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लिफ्ट में बच्चा फंसा, महिलाओं ने मेंटेनेंस कर्मी को जमकर पीटा

जमशेदपुर : गोविंदपुर स्थित दयाल सिटी के रामदास फ्लैट की लिफ्ट में बुधवार की सुबह स्कूल जाने के क्रम में रिक्की कुमार(10) फंस गया. बिजली कट जाने के बाद जेनेरेटर चालू नहीं हुआ, जिससे बच्चा लिफ्ट में बेहोश हो गया. कुछ देर बाद लोगों ने लिफ्ट से बच्चे को बाहर निकाला और अस्पताल ले गये. […]

जमशेदपुर : गोविंदपुर स्थित दयाल सिटी के रामदास फ्लैट की लिफ्ट में बुधवार की सुबह स्कूल जाने के क्रम में रिक्की कुमार(10) फंस गया. बिजली कट जाने के बाद जेनेरेटर चालू नहीं हुआ, जिससे बच्चा लिफ्ट में बेहोश हो गया. कुछ देर बाद लोगों ने लिफ्ट से बच्चे को बाहर निकाला और अस्पताल ले गये. अस्पताल में रिक्की को होश आया, उसकी स्थिति खतरे से बाहर है.
रिक्की रामदास फ्लैट में रहने वाले एसके कुमार का पुत्र है और वह सेंट जेवियर्स गोविंदपुर में छठी क्लास में पढ़ता है. घटना के बाद आक्रोशित महिलाओं ने दयाल सिटी प्रबंधन के बसंत श्रीवास्तव की घेरकर पिटाई कर दी. महिला व पुरुषों ने पहले दयाल सिटी के मेन गेट को बंद कर दिया और काफी समय तक बसंत श्रीवास्तव को जमीन पर बैठाकर रखा.
वहीं, बसंत के सहयोगियों द्वारा अभ्रद व्यवहार किये जाने पर महिलाओं ने सभी को दयाल सिटी कार्यालय में बंद कर दिया. घटना की जानकारी हजारीबाग जा रहे बिल्डर सुरेंद्रपाल सिंह को फोन से दी गयी. सभी लोग बिल्डर से मेंटेनेंस का कार्य देखने वाले बसंत श्रीवास्तव, सुशांत, राकेश मिश्रा, राजेश व रवि को हटाने की मांग कर रहे थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए सुरेंद्रपाल ने अपने निकट सहयोगी निक्कू को मेल पर सभी को तत्काल प्रभाव से हटाने की सूचना जारी, इसके बाद मामला शांत हुआ.
बिल्डर ने गुरुवार की सुबह ग्यारह बजे लोगों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया है. हमेशा मिलता है आश्वासन, बच्चे के फंसने पर फूटा आक्रोश : दयाल सिटी रेसिडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता व सचिव रोशन झा ने बताया कि पिछले दस साल से बिल्डर सुरेंद्रपाल सिंह वादे के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दे रहें है. हालांकि अब तक स्वीमिंग पुल व जॉगर्स पार्क की व्यवस्था नहीं की गयी है. बुधवार को बच्चे के लिफ्ट में फंसने के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा.
लिफ्ट बंद होने पर क्या करें
परिजन बच्चों को लिफ्ट के बारे में सभी जानकारी दें.
कोशिश यह करें कि बच्चा अकेले लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करे.
लिफ्ट बंद होने पर घबराएं नहीं, 20 सेकेंड इंतजार करें.
ज्यादातर लिफ्ट में 20 सेकेंड बाद ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस काम करना शुरू कर देता है.
डिवाइस की मदद से लिफ्ट नजदीकी फ्लोर पर पहुंचकर खुल जाती है.
लिफ्ट के अंदर लगे आपातकालीन बटन को दबाकर मदद की मांग कर सकते हैं.
कुछ लिफ्ट में टेलीफोन लगे रहते हैं, उसका उपयोग करके सुरक्षा गार्डों की मदद ले सकते हैं.
बाहर के लोग डी-लॉकिंग बटन का उपयोग कर लिफ्ट को खोल सकते हैं.

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