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जीएसटी में 10 कराेड़ का आइटीसी फ्रॉड, राजस्थान का आराेपी धराया
जमशेदपुर : डीजीजीआइ सेंट्रल जीएसटी इंटेलीजेंस ने 10 कराेड़ रुपये का आइटीसी फ्रॉड करने के आराेप में राजस्थान के जाेधपुर में रहने वाले दिनेश व्यास काे गिरफ्तार कर लिया है.गुजरात में श्रीमाली इंड्रस्ट्री के नामवाली फर्म के पते पर दिनेश व्यास ने चास-बाेकाराे के सिद्धि विनायक मेटल एंड कंपनी के मालिक निकित मित्तल के साथ […]
जमशेदपुर : डीजीजीआइ सेंट्रल जीएसटी इंटेलीजेंस ने 10 कराेड़ रुपये का आइटीसी फ्रॉड करने के आराेप में राजस्थान के जाेधपुर में रहने वाले दिनेश व्यास काे गिरफ्तार कर लिया है.गुजरात में श्रीमाली इंड्रस्ट्री के नामवाली फर्म के पते पर दिनेश व्यास ने चास-बाेकाराे के सिद्धि विनायक मेटल एंड कंपनी के मालिक निकित मित्तल के साथ 80 कराेड़ का आयरन-स्टील मंगाया था, जिसके बाद दाेनाें ने मिलकर सरकार काे भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया.
झारखंड-बिहार इंटेलीजेंस के ज्वाइंट डायरेक्टर धर्मजीत कुमार आैर डिप्टी डायरेक्टर गाैतम कुमार के संयुक्त नेतृत्व में की गयी कार्रवाई में दिनेश व्यास काे मंगलवार की शाम जमशेदपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस संबंध में डीजीजीआइ रीजनल यूनिट जमशेदपुर के वरीय अधिकारी द्वारा विशेष जज (इकोनॉमिक अॉफेंस काेर्ट) जमशेदपुर के यहां आराेपी काे प्रस्तुत कर जेल भेज दिया.
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पैन इंडिया के तहत देश भर में जीएसटी घाेटालाें की जांच के दाैरान झारखंड यूनिट काे जानकारी मिली कि झारखंड आैर गुजरात के दाे व्यापारियाें के बीच 80 कराेड़ रुपये का काराेबार हुआ है. इस मामले की जांच का निर्देश वरीय अधिकारियाें ने दिया. जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग काे जानकारी मिली कि चास की सिद्धि विनायक कंपनी से 80 कराेड़ रुपये के माल का इनवॉयस गुजरात के श्रीमाली इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हुआ है.
गुजरात में दिनेश व्यास के नाम पर गांधीधाम, कच्छ समेत अन्य कई जगह माल भेजे जाने संबंधी इनवॉयस चास के निकित मित्तल ने मेसर्स श्याम स्टील आैर अन्य कई नामाें से जारी किये हैं. इस पूरे मामले की जांच में जानकारी मिली कि किसी तरह के माल का हस्तांतरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं किया गया है, जबकि ट्रांसपाेर्ट से लेकर अन्य सभी बिल जमा करा कर आइटीसी हासिल कर लिया गया. जांच के दाैरान डीजीजीआइ अधिकारियाें ने गाेलमुरी स्लैग राेड नेहरु कॉलाेनी के पप्पू राेडवेज के ट्रांसपाेर्टर संजीव कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह का बयान दर्ज किया, जिसमें जानकारी मिली कि फर्जी ढंग से बिल जारी किया गया था.
इसके अलावा दलाल काे भी पकड़ा गया, उसने भी लिखित जानकारी दी कि किसी तरह का माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं भेजा गया है. इसके बाद विभाग ने झारखंड से लेकर गुजरात तक के बॉर्डर में जाकर जांच की. जब्त की गयी बॉर्डर पर्चियाें का मिलान कर मामले काे पूरी तरह से फर्जी पाया. इस मामले में डीजीजीआइ ने गाेपनीय तरीके से दिनेश व्यास काे अपना बयान दर्ज कराने के लिए जमशेदपुर बुलाया. बयान दर्ज करते ही उसे हिरासत में लेकर स्पेशल जज, इकोनॉमिक अॉफेंस काेर्ट के यहां प्रस्तुत किया, जहां से उसे घाघीडीह केंद्रीय कारा भेज दिया गया है.
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