चाईबासा से टाटा स्टील कंपनी पहुंचे अजय बानरा ने सुनायी आपबीती
जमशेदपुर : टाटा कंपनी में कोयला लेकर आने वाली मालगाड़ी से बरामद बच्चे अजय बानरा (7) के संबंध में बिष्टुपुर पुलिस ने पूरी जानकारी हासिल कर ली है. वह पांड्राशाली निवासी कृष्णा बानरा का पुत्र है. उसकी मां की मौत हो चुकी है, इसलिए अपनी मौसी सुकुरमुनी बानरा के साथ रहता है. पिता रांची में काम करते हैं. अजय पांड्राशाली स्थित चांदमारी स्कूल में दूसरी का छात्र है. बिष्टुपुर पुलिस ने वहां की पुलिस से परिवार के लोगों को खोजकर लाने को कहा है.
बच्चे की जुबानी : बुधवार की सुबह करीब सात बजे अपने दोस्तों के साथ रेलवे लाइन के किनारे गेंद खेल रहा था. थोड़ी देर के बाद वहां एक कोयला लदी मालगाड़ी आकर रुकी. खेल-खेल में गेंद बोगी में चली गयी. दोस्त ने कहा- ट्रेन रुकी है, उतार लो. मैं डिब्बे में चढ़ गया और गेंद उठाकर फेंक दी. उसके बाद जैसे ही उतरने के लिए बढ़ा, ट्रेन चलने लगी. मैं चुपचाप डिब्बे में बैठ गया और यहां पहुंच गया. सुरक्षाकर्मियों ने मुझे पुलिस को सौंप दिया.
भूख से दिन भर पेट में होता रहा दर्द
अजय ने बताया कि सुबह सात बजे ही ट्रेन में चढ़ने के कारण शाम करीब आठ बजे तक वह भूखा ही था. भूख से उसके पेट में दर्द होता रहा. ‘जब पुलिस अंकल के पास आया, तो भात और सब्जी खाया. सुबह में भी खाना खिलाया.’
मुझे घर नहीं जाना पुलिस अंकल के साथ रहना है: गलती से टाटा स्टील पहुंचे अजय को बिष्टुपुर थाना प्रभारी श्रीनिवास ने सबसे पहले बैठाया और उसके हाथ-पैर धुलवा कर खाना खिलवाया. अगली सुबह भी उसके साथ काफी प्यार से पेश आये. अब जब थाना प्रभारी श्रीनिवास उसके परिवार के लोगों से उसे ले जाने के लिए संपर्क कर रहे हैं, तो अब अजय जाने को तैयार नहीं है. अजय का कहना है कि वह पुलिस अंकल के साथ ही रहना चाहता है.