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नियुक्ति से जुड़े सारे कागजात मेरे पास हैं प्रताड़ित किया, तो आत्महत्या कर लूंगा

जमशेदपुर : एलबीएसएम कॉलेज के मैथिली विभाग के शिक्षक डॉ आरके चौधरी की नियुक्ति की जांच की मांग को लेकर उठे सवालों का वाद-विवाद बढ़ता जा रहा है. एलबीएसएम कॉलेज के शिक्षक डॉ आरके चौधरी ने कहा कि अगर उन्हें गलत तरीके से प्रताड़ित किया गया, तो वह आत्महत्या कर लेंगे. उन्होंने कहा कि किसी […]

जमशेदपुर : एलबीएसएम कॉलेज के मैथिली विभाग के शिक्षक डॉ आरके चौधरी की नियुक्ति की जांच की मांग को लेकर उठे सवालों का वाद-विवाद बढ़ता जा रहा है. एलबीएसएम कॉलेज के शिक्षक डॉ आरके चौधरी ने कहा कि अगर उन्हें गलत तरीके से प्रताड़ित किया गया, तो वह आत्महत्या कर लेंगे. उन्होंने कहा कि किसी का रिजल्ट देर से प्रकाशित हुआ, तो इसमें उम्मीदवार की क्या गलती है.
उनके पास नियुक्ति से संबंधित सारे कागजात मौजूद हैं. वह जांच को तैयार हैं. उचित फोरम पर हर सवाल का जवाब देंगे. उन्हाेंने राजभवन से मिले प्रशस्ति पत्र के लिए एनसीसी की ओर से की गयी सिफारिश के कागजात दिखाये. साथ ही कहा कि उन्होंने एनसीसी के जरिये सैकड़ाें छात्रों को सरकारी नौकरी दिलायी है. उनकी पूरी सेवा काे कलंकित करने का काम किया जा रहा है.
जांच पूरी होने तक बिहार यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन को वापस की जाये डॉ चौधरी की सेवा
एनएसयूआइ नेता हरीराम टुडू रविवार को चाईबासा स्थित विवि मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने विवि कार्यालय बंद होने पर कुलपति के आवासीय कार्यालय में अपना मांग पत्र सौंपा. इसमें मांग की गयी कि मैथिली विभाग के शिक्षक डॉ आरके चौधरी के नियुक्ति से लेकर योगदान तक की जांच करायी जाये. वर्ष 1996 बैच के लिए बिहार यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन की ओर से जारी सूची में मैथिली भाषा और शिक्षक का नाम नहीं है. लिहाजा समग्र सूची से अलग किन कागजातों के आधार पर डॉ आरके चौधरी का योगदान कराया गया. कहा गया कि जांच पूरी होने तक डॉ चौधरी की सेवाएं बिहार यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन को लौटायी जानी चाहिये. टुडू ने कहा कि 1996 में हुई यह नियुक्ति प्रक्रिया विवादों में रही है.

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