जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय एफिलिएशन कमेटी ने शहर समेत सरायकेला-खरसावां के सात प्राइवेट बीएड कॉलेजों की नये सत्र में संबद्धता व नव संबद्धता का आवेदन ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
साथ ही उन कॉलेजों में नये सत्र 2014-15 में दाखिले पर प्रश्नचिह्न् लग गया है. शुक्रवार को विश्वविद्यालय में एफिलिएशन कमेटी की मीटिंग हुई, जिसमें कॉलेजों की संबद्धता के एजेंडे पर भी चर्चा हुई. विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें, तो संबद्धता बगैर कॉलेज एडमिशन लेते हैं, तो ऐसे कॉलेज या संस्थान के विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय मे रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा और न ही वार्षिक परीक्षा ली जा सकती है. बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने की. इसमें प्रतिकुलपति डॉ शुक्ला महंती, वित्त परामर्शी ब्रजेश तिवारी, राज्यपाल के नामित सिंडिकेट सदस्य राजेश कुमार शुक्ल, डॉ स्नेहलता सिन्हा, प्रॉक्टर आरएन पाठक, डॉ एके सिन्हा, डॉ डीपी जाट, डॉ एनआर चक्रवर्ती, डॉ एससी महतो, कुलसचिव डॉ डीएन महतो एवं सहायक कुलसचिव एमके मिश्र शामिल हुए.कमेटी ने उक्त चर्चा के पश्चात सातों प्राइवेट बीएड कॉलेज का संबद्धता प्रतिवेदन एचआरडी भेजने में असमर्थता जता दी. कहा गया कि कमेटी व विश्वविद्यालय कोर्ट के फैसले का अनुपालन करेंगे.
निर्धारित तिथि के बाद निरीक्षण: करीम सिटी कॉलेज और एनएसआइइडी गत सोमवार, 12 मई को संबद्धता के लिए विश्वविद्यालय की कमेटी ने निरीक्षण किया. जबकि संबद्धता के लिए आवेदन और शुल्क समय से विश्वविद्यालय में जमा किया जा चुका है. कॉलेजों की ओर से कहा गया है कि विश्वविद्यालय को सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले की जानकारी थी, तो पहले ही प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए थी. बावजूद 10 मई के बाद विश्वविद्यालय की टीम ने निरीक्षण किया. इसके अलावा बीएड समेत कई कॉलेजों की संबद्धता की फाइल विश्वविद्यालय में पड़ी रही, बावजूद पिछले सात-आठ माह के दौरान एफिलिएशन कमेटी व सिंडिकेट की मीटिंग नहीं हुई, ताकि इन मुद्दों पर आवश्यक निर्णय लेते हुए प्रक्रिया पूरी की जा सके.
बैठक में लिये गये निर्णय
मिसेज केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज को पूर्व में प्राचार्य की नियुक्ति का निर्देश दिया गया था. इस संबंध में कॉलेज से कंप्लायंस मांगा गया.
इंस्पेक्शन कमेटी की रिपोर्ट पर विकास आइटी कॉलेज, जमशेदपुर और वीर अजरुन सिंह कॉलेज, सोनुवा के संबंधन पर सैद्धांतिक सहमति
इंस्पेक्शन कमेटी की रिपोर्ट पर नंदलाल स्मृति संस्थान के प्राचार्य से प्रतिवेदन तलब