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नक्सलियों को निशाना बनाकर पहाड़ी पर फोर्स ने किये दर्जनों धमाके

किरीबुरू : कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ एक सप्ताह से चल रहे पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के ऑपरेशन का दायरा आराहासा पंचायत की पहाड़ियों से बढ़ते हुए गम्हरिया पंचायत के पराल गांव क्षेत्र की पहाड़ियों तक पहुंच गया है. पराल की पहाड़ी पर शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक सुरक्षा […]

किरीबुरू : कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ एक सप्ताह से चल रहे पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के ऑपरेशन का दायरा आराहासा पंचायत की पहाड़ियों से बढ़ते हुए गम्हरिया पंचायत के पराल गांव क्षेत्र की पहाड़ियों तक पहुंच गया है. पराल की पहाड़ी पर शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की ओर लक्ष्य करके दर्जनों यूजीबीएल बम, दो इंच मोर्टार व और रॉकेट लांचर दागे.
ज्ञात हो कि पाटूंग से बायें जंगल में स्थित पराल गांव के समीप पहाड़ी से बीते शुक्रवार की सुबह लगभग Âबाकी पेज 17 पर नौ बजे नक्सलियों ने कोबरा व पुलिस टीम पर फायरिंग की थी जिसमें कोबरा के दो जवानों के पैर में गोली लगी थी. यहां पुलिस व नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग कर पास की ऊंची पहाड़ी पर मोर्चा लेकर बैठ गये.
शाम लगभग चार बजे पुनः नक्सलियों ने अपनी तरफ पुलिस को आते देख अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की जिसके बाद कोबरा जवानों ने एक-एक कर दर्जन भर यूजीबीएल बम नक्सलियों की ओर पहाड़ी पर दागे. शनिवार को सुबह लगभग दस बजे से पराल की पहाड़ी पर पुलिस ने नक्सलियों को लक्ष्य कर तीन-चार रॉकेट लांचर एवं यूजीबीएल तथा दो इंच के मोर्टार दागे हैं जिसके धमाके की आवाज रोवाम गांव तक साफ-साफ सुनी गयी. ग्रामीणों ने सुबह तीन-चार बम धमाकों की तेज आवाज सुनी.
भागने की फिराक में नक्सली नेता, पर आसान नहीं :
पराल की पहाड़ी पर अनेक बड़े नक्सली नेता पुलिस की घेराबंदी में घिरे हुये हैं जिन्हें उनके साथी सुरक्षित बाहर निकालने के लिये निरंतर प्रयास कर रहे हैं. पराल की पहाड़ी सारंडा से बिल्कुल सटी हुई है, ऐसे में नक्सली भागकर सारंडा जंगल में प्रवेश न कर जायें इसको लेकर विशेष सतर्कता बरतने के अलावा घेराबंदी मजबूत कर दी गयी है.
नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन का प्रारंभ गोइलकेरा प्रखंड अंतर्गत आराहासा पंचायत के सांगाजाटा, बोरोई, बाईहातु आदि गांव से हुआ था जिसका क्षेत्र बढ़ते हुए उसी प्रखंड के गम्हरिया पंचायत के पराल गांव की पहाड़ी तक पहुंच गया है. पराल गांव के आसपास पाटूंग एवं बोरोई के अलावा रेला, कुम्हारतोड़ाग, बालिया, कारा, खुजुरिया आदि गांव हैं. अगर नक्सली पराल के पास की नदी पार कर गये तो वे सारंडा के मनोहरपुर प्रखंड के सलाई क्षेत्र के जंगल में घुस सकते हैं. लेकिन नक्सलियों के लिये पुलिस घेराबंदी तोड़ कर निकल भागना आसान नहीं लग रहा है.
पानी की समस्या से जूझ रहे नक्सली:
नक्सलियों को इस भीषण गर्मी में पानी की सबसे बड़ी समस्या आ रही है क्योंकि पुलिस पिछले कुछ दिनों से उन्हें नदी-नालों से दूर पहाड़ियों पर ही घेर कर रखी हुई है. बताया जा रहा है कि नक्सली पिछले कई दिनों से सो भी नहीं पाये हैं.

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