जमशेदपुर : जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में नवनिर्मित कंप्यूटर लैब के निर्माण में कथित अनियमितता के विवाद के बाद हड़कंप मचा हुआ है. घोटाले के आरोप के कारण कॉलेज की हो रही बदनामी के बीच सीनियर प्रोफेसर प्राचार्य का प्रभार लेने से इनकार कर रहे हैं. कॉलेज के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ एमआर सिन्हा 31 मार्च […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में नवनिर्मित कंप्यूटर लैब के निर्माण में कथित अनियमितता के विवाद के बाद हड़कंप मचा हुआ है. घोटाले के आरोप के कारण कॉलेज की हो रही बदनामी के बीच सीनियर प्रोफेसर प्राचार्य का प्रभार लेने से इनकार कर रहे हैं. कॉलेज के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ एमआर सिन्हा 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
कॉलेज के सबसे वरिष्ठ शिक्षक एनआर चक्रवर्ती तथा सुलक्षणा टोपनो ने प्रभार लेने से साफ-साफ मना कर दिया है. उन्होंने वर्तमान हालात के संबंध में विवि के कुलसचिव से वार्ता की. अवकाश के बावजूद गुरुवार को प्राचार्य कॉलेज पहुंचे. उन्होंने कंप्यूटर लैब के निर्माण प्रक्रिया से जुड़े कई दस्तावेजों को खोज कर निकाला.
प्राचार्य का दावा, रूसा से मामले की जांच का आग्रह किया
लैब निर्माण में गड़बड़ी के अारोपों के बीच प्राचार्य डॉ एमआर सिन्हा ने कहा कि लैब निर्माण में कोई अनियमितता नहीं हुई है. कंप्यूटर से संबंधित सभी निर्णय रूसा ने लिया है. कंप्यूटर की कीमत के सवाल पर कहा कि बेहतर गुणवत्ता के कारण कीमतें ज्यादा दिख रही हैं. कॉलेज ने सबसे एडवांड वर्जन कंप्यूटर खरीदा है. डॉ सिन्हा ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में 17 लाख रुपये जीएसटी के रूप में सरकार को टैक्स दिया गया है. उन्होंने बताया कि पूरे मामले को रूसा के नोडल पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया. पूरे मामले की जांच का अनुरोध किया गया है.
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