* तार कंपनी मामले में श्रम न्यायालय ने सुनाया फैसला
जमशेदपुर : टाटा स्टील द्वारा अधिग्रहित तार कंपनी के कर्मचारियों को बकाया वेतन नहीं मिलेगा. श्रम न्यायालय जमशेदपुर ने तार कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा है कि नो वर्क नो पे रुल के तहत कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं दिया जा सकता है.
टाटा स्टील द्वारा अधिग्रहण के वक्त 50 फीसदी बकाया भुगतान को वाजिब करार देते हुए यह फैसला सुनाया गया है. शनिवार को जमशेदपुर स्थित श्रम न्यायालय में तार कंपनी के मामले की अंतिम सुनवाई हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश दिधेश्वर झा अरुण ने अपना फैसला सुनाया.
इस दौरान कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता मिथलेश कुमार जबकि कंपनी की ओर से कपिल मुनी तिवारी ने बहस की. बहस में कोर्ट को बताया गया कि जो भी शिकायतकर्ता हैं, वे रिटायर हो रहे हैं और काफी मुश्किल से कंपनी को किसी तरह चलाया जा रहा है. बीएफआइआर के फैसले को भी आधार बनाया गया, जिसके आधार पर यह फैसला आया.
– क्या है मामला
* 01 अप्रैल 1998 को इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट (आइएसडब्ल्यूपी या तार कंपनी) बंद हो गयी थी
* 19 दिसंबर 2003 को टाटा स्टील ने तार कंपनी का अधिग्रहण कर लिया
* अधिग्रहण के वक्त कर्मचारियों को 50 फीसदी बकायाका भुगतान किया गया
* वर्ष 2010 में श्रम न्यायालय में याचिका दायर कर पूरे बकाये की मांग की गयी