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जमशेदपुर : बर्द्धमान के 7 चोर धराये, 71 मोबाइल बरामद..ऐसे करते थे चोरी
मानगो कुंवर बस्ती में किराये के मकान में चार माह से रह रहे थे गिरोह के सदस्य बाजार में फोन चोरी कर नाबालिग कुछ दूर खड़े अपने साथी को पकड़ा देते थे चोरी के फोन का साफ्टवेयर उड़ाकर कमरे में रख देते थे, बंगाल ले जाकर बेचने का था प्लान जमशेदपुर : शहर के साकची, […]
मानगो कुंवर बस्ती में किराये के मकान में चार माह से रह रहे थे गिरोह के सदस्य
बाजार में फोन चोरी कर नाबालिग कुछ दूर खड़े अपने साथी को पकड़ा देते थे
चोरी के फोन का साफ्टवेयर उड़ाकर कमरे में रख देते थे, बंगाल ले जाकर बेचने का था प्लान
जमशेदपुर : शहर के साकची, बिष्टुपुर, गोविंदपुर, बागबेड़ा, स्टेशन बाजार में सब्जी खरीदने के दौरान जेब से मोबाइल चोरी की घटनाओं को पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान का गिरोह अंजाम दे रहा था. गोविंदपुर पुलिस ने दो युवकों के साथ पांच नाबालिगों को गिरफ्तार कर गिरोह का खुलासा कर दिया है.
पकड़े गया मिथुन मंडल बर्द्धमान आसनसोल के रानीगंज का और कन्हैया नानिया इमली घौड़ा जमुरिया, बर्द्धमान का निवासी है. पांचों नाबालिगों भी बर्द्धमान के ही रहने वाले है जिन्हें ट्रेनिंग देकर यहां लाया गया था.
25 फरवरी को गोविंदपुर सब्जी बाजार से मोबाइल चोरी करते पकड़े गये नाबालिग की निशानदेही पर पुलिस को यह सफलता मिली. पकड़े गये नाबालिग की निशानदेही पर पुलिस ने मानगो कुंवर बस्ती में नेवालाल गुप्ता के घर छापेमारी कर गिरोह के सदस्यों (दो बालिग और चार अन्य नाबालिग) को गिरफ्तार कर लिया.
गिरोह के सदस्य नेवालाल गुप्ता के मकान में पिछले चार माह से कमरा किराये पर लेकर रह रहे थे. पुलिस ने कमरे से चोरी के 77 पीस मोबाइल फोन बरामद किया है जिनकी कीमत सात लाख रुपये से बतायी गयी है. एसएसपी अनूप बिरथरे ने सोमवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी.
एसएसपी ने बताया कि पुलिस यदि कुछ और देर बाद पहुंचती तो सभी नाबालिगों के साथ मिथुन व कन्हैया कमरा छोड़कर फरार हो जाते. जिला पुलिस ने गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश के लिए बर्द्धमान पुलिस से संपर्क किया गया है. गिरफ्तार युवकों व नाबालिगों का अपराधिक रिकॉर्ड बंगाल पुलिस से लिया जा रहा है. इस मौके पर सिटी एसपी प्रभात कुमार, डीएसपी सिटी अनुदीप सिंह और गोविंदपुर थानेदार राजेश रंजन भी मौजूद थे.
मोबाइल चोरी करने के मिलते थे एक सौ रुपये. एसएसपी ने बताया कि बर्द्धमान में रहने वाले मिथुन और कन्हैया दोनों नाबालिग को ट्रेनिंग देने के बाद प्रत्येक मोबाइल चोरी करने के एवज में एक सौ रुपये देते थे.
मोबाइल जमा होने के बाद सभी यहां से फरार हो जाते और फिर मोबाइल को आसनसोल, तीनपहाड़ और रानीगंज में जाकर बेच दिया जाता. चोरी के सभी फोन को मिथुन और कन्हैया ने फॉरमेट कर दिया था.
बिना जांच के मकान किराये पर देने की होगी जांच. एसएसपी अनूप बिरथरे ने कहा है कि मानगो में जिस मकान में गिरोह के सदस्य रहते थे, उस मकान मालिक से भी पुलिस पूछताछ करेगी. उन्होंने बिना किसी पहचान पत्र व जांच के किस आधार पर इतने लोगों को रहने के लिए कमरा उपलब्ध कराया. सभी क्या बोलकर रहने आये थे और कितना किराया पिछले चार माह से वह दे रहे थे.
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