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जिले के 830 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना तैयार

शिक्षा विभाग ने किया सर्वे, 428 स्कूल बंद करने के मानक पर खरे उतरे, सेकेंड लेयर सर्वे भी शुरू जमशेदपुर : जिले सिंहभूम जिले के करीब 830 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को बंद कर दिया जायेगा. नीति आयोग, झारखंड सरकार व बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप द्वारा सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है. स्कूलों को […]

शिक्षा विभाग ने किया सर्वे, 428 स्कूल बंद करने के मानक पर खरे उतरे, सेकेंड लेयर सर्वे भी शुरू

जमशेदपुर : जिले सिंहभूम जिले के करीब 830 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को बंद कर दिया जायेगा. नीति आयोग, झारखंड सरकार व बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप द्वारा सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है. स्कूलों को बंद कर उसका विलय समीप के किसी स्कूल में कर दिया जायेगा. किन-किन स्कूलों को बंद किया जायेगा, इसे लेकर सेटेलाइट से तस्वीर ली गयी है. उक्त तसवीर के आधार पर ही 830 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि तस्वीर में संभावित त्रुटियां को देखते हुए दो स्तर का सर्वे भी कराया जा रहा है.
पहले स्तर के सर्वे में शिक्षा अधिकारियों ने तमाम स्कूलों का भौतिक निरीक्षण कर कुल 428 स्कूलों को बंद करने के लायक करार दिया है. अब आंकड़े की सत्यता की जांच मानव संसाधन विकास विभाग अंतर जिला भौतिक सत्यापन से करा रहा. दूसरे जिले के अधिकारी आकर पूर्वी सिंहभूम जिले का सत्यापन कर रहे हैं.
इसमें जो आंकड़ा सामने आयेगा उसे मानव संसाधन विकास विभाग के पास भेजा जायेगा. दोनों ही स्तर की जांच के बाद जो आंकड़ा सामने आयेगा उस पर विचार करने के बाद सरकार उक्त स्कूलों का बंद करने पर निर्णय लेगी. बताया जा रहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले में 830 स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव तैयार है, लेकिन अंतिम रूप से करीब 350 तक को अवश्य बंद कर दिया जायेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव हैं गंभीर : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव एपी सिंह ने शुक्रवार को आयोजित बैठक में स्कूलों को मर्ज करने के मुद्दे पर जिला शिक्षा अधीक्षक से बात की.
उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद कर बच्चे व शिक्षक समेत संसाधनों के साथ पास के स्कूल में मर्ज करने का निर्णय लिया है. नहीं होगा कोई बेरोजगार : राज्य में हजारों की संख्या में स्कूलों को बंद करने की खबर से पारा शिक्षक, रसोइया, स्कूलों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाअों में उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. पारा शिक्षक उन्हें बेरोजगार किये जाने की बात कहकर आंदोलन कर रहे थे. इधर शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि स्कूलों के विलय करने से कोई बेरोजगार नहीं होगा. जिस स्कूल को बंद किया जा रहा है वहां पढ़ाने वाले शिक्षक व अन्य कर्मचारी भी दूसरे स्कूल में शिफ्ट होंगे. जिस स्कूल में उन्हें शिफ्ट किया जायेगा उस स्कूल में शिक्षकों का यूनिट बढ़ाया जायेगा.
क्वांटिटी घटा कर क्वालिटी पर जोर
स्कूलों को बंद करने के पीछे जो फार्मूला तैयार किया गया है उसके अनुसार ऐसे स्कूल जहां 50 से कम बच्चे हैं अौर उन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक हैं, को पास के स्कूल में मर्ज किया जायेगा. छोटे-छोटे स्कूलों को बंद कर एक आदर्श स्कूल का निर्माण होगा, जहां क्लास रूम की संख्या अधिक होगी. हर क्लास के लिए अलग क्लास रूम होंगे, खेल का मैदान, सुविधा युक्त लैब व लाइब्रेरी होगी.

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