आदित्यपुर : आदित्यपुर निवासी व एम्स दिल्ली की डॉ ममता राय (26) ने शुक्रवार को कोचि (केरल) के एक होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह चर्मरोग पर आयोजित एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेने कोच्चि गयी थीं. पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें उन्होंने डिप्रेशन को आत्महत्या की वजह बताया है. मौके से डिप्रेशन की दवाइयां भी मिली हैं.
आरआइटी थाना क्षेत्र के आदित्यपुर बाबा आश्रम पंचमुखी मंदिर के पास रहने वाले एके राय की पुत्री डॉ ममता ने एम्स दिल्ली से पढ़ाई पूरी की थी और वहीं पर काम कर रही थी. वह कोचि के एमजी रोड के उत्तरी छोर पर स्थित एक
होटल में 18 जनवरी से ठहरी हुई थी. कमरा 17 जनवरी से 22 जनवरी तक के लिए बुक था. स्थानीय पुलिस के मुताबिक, उनकी रूममेट जब कमरे में गयी तो एक महिला को पंखे से टंगा हुआ पाया. रूममेट ने अलार्म बजाया तो एक सफाई कर्मचारी वहां पहुंची, जिसके बाद दोनों ने मिलकर महिला को फंदे से उतारा.
उस समय उसकी सांसें चल रही थीं. उसे तत्काल एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. कोच्चि सेंट्रल पुलिस इस मामले में अप्राकृतिक मौत की प्राथमिकी
कर मामले की जांच कर रही है.
इधर, आदित्यपुर में परिजनों ने बताया कि ममता ने कोच्चि से ही अपने पिता से सुबह 10 बजे बात की थी. उसके बाद दिन में एक बजे कोच्चि से किसी डॉक्टर ने फोन कर सूचना दी कि उसकी तबीयत खराब है, शीघ्र यहां आइये. सूचना के बाद ममता के पिता, भाई व दो अन्य परिजन पहले रांची गये. वहां से हवाई मार्ग से कोच्चि के लिए रवाना हो गये. घर में अकेली बची मां को ममता की मौत की जानकारी नहीं दी गयी थी. ममता 21 जनवरी को अपने घर आने वाली थी. उसने दिल्ली से अपना कुछ सामान भी घर भेज दिया था.
डीएवी एनआइटी की मेधावी छात्रा, श्यामली (रांची) में भी टॉपर
डॉ ममता राय डीएवी एनआइटी कैम्पस की मेधावी छात्रा थी. बीएसएनएल से सेवानिवृत कर्मचारी एके राय के तीन बेटे-बेटियों में सबसे छोटी ममता ने 2005 में इस स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की थी. उसे 94 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे. वह स्कूल व राज्य में टॉपर बनी थी. इसके बाद उसने डीएवी श्यामली (रांची) से प्लस टू की परीक्षा पास की थी.
उसमें भी टॉप किया था. इसके बाद उसने शिलांग (मेघालय) मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. इसके बाद उसने एम्स से पीजी की पढ़ाई पूरी की. उसकी मेधा के कारण उसे एक लाख रुपये स्टाइपेंड मिल रहा था. ममता के मित्रों ने बताया कि वह चर्म रोग विशेषज्ञ बन गयी थीं और शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए कोच्चि गयी थीं. डीएवी में उसके साथ पढ़े बाबा आश्रम के उमा शंकर, पार्षद मनोज राय, अमितेश अमर व परिवार ने कहा कि ममता की मौत से सभी स्तब्ध हैं.
बाबा आश्रम पंचमुखी मंदिर के पास रहता है परिवार
डीएवी एनआइटी से की थी पढ़ाई, शिलांग से िकया था एमबीबीएस
एम्स में कार्यरत थीं, परिजन केरल के िलए रवाना
‘तंग आ गयी हूं’
डॉ ममता ने सुसाइड नोट में अंग्रेजी में लिखा है, ‘मैं डिप्रेशन की मरीज हूं. मैं इससे लड़कर तंग आ गयी हूं. मैं जा रही हूं. इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. सॉरी पापा.’
सुबह 10 बजे की थी पिता से बात : आदित्यपुर में परिजनों ने बताया कि ममता ने कोच्चि से ही अपने पिता से सुबह 10 बजे बात की थी. उसके बाद दिन में एक बजे कोचि से किसी डॉक्टर ने फोन कर सूचना दी कि उसकी तबीयत खराब है, शीघ्र यहां आइये. सूचना के बाद ममता के पिता, भाई व दो अन्य परिजन पहले रांची गये. वहां से हवाई मार्ग से कोचि के लिए रवाना हो गये. घर में अकेली बची मां को ममता की मौत की जानकारी नहीं दी गयी. ममता 21 जनवरी को अपने घर आने वाली थी.
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि महिला ने खुदकुशी की है. हमें कमरे से डिप्रेशन की गोलियां मिली हैं. साथ ही, सुसाइड नोट में भी उसने अपनी समस्या के बारे में लिखा है. हम मामले की जांच कर रहे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
जोसेफ सज्जन, सब इंस्पेक्टर, सेंट्रल पुलिस, कोच्चि