जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल परिसर में बनी कैंटीन बोर्ड के सहारे चल रही है. एमसीआइ के नियम को दिखाने के लिए अस्पताल की पार्किंग के एक कोने को घेर उसमें कैंटीन का बोर्ड लगा दिया गया है. जिससे टीम के आने पर दिखाया जा सके. वहीं कैंटीन के अंदर टेबल कुर्सी की जगह कूड़ा भरा हुआ है. एमसीआइ की टीम आने के दौरान उसकी सफाई कर उसमें दाल भात योजना का कुर्सी टेबल लगाकर कैंटीन के रूप में दिखा जाता है.
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बोर्ड पर ही चल रही है एमजीएम की कैंटीन
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल परिसर में बनी कैंटीन बोर्ड के सहारे चल रही है. एमसीआइ के नियम को दिखाने के लिए अस्पताल की पार्किंग के एक कोने को घेर उसमें कैंटीन का बोर्ड लगा दिया गया है. जिससे टीम के आने पर दिखाया जा सके. वहीं कैंटीन के अंदर टेबल कुर्सी की जगह कूड़ा भरा […]
एमजीएम में कैंटीन नहीं होने के कारण मरीजों, कर्मचारियों व डॉक्टरों को दिक्कत होती है. ओपीडी में आने वाले मरीजों को मजबूरन बाहर से बिना गुणवत्ता वाला खाना लाना पड़ता है. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को भी खाना खाने के लिए रोड के किनारे खुली दुकानों में जाकर खाना पड़ता है.
पिछले साल पहले दिया गया पैसा. विभाग द्वारा कैंटीन खोलने के पिछले साल 50 लाख दिये गये थे, लेकिन एक साल बाद भी कैंटीन नहीं खुल पायी है. अस्पताल के पदाधिकारियों ने बताया कि इसके लिए दो बार टेंडर निकाला गया, लेकिन किसी ने टेंडर ही नहीं भरा. इस कारण टेंडर नहीं हो सका.
एमजीएम अस्पताल में कैंटीन के लिए टेंडर हो गया है. जल्द ही इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. उसके बाद कैंटीन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
डॉ बी भूषण, अधीक्षक एमजीएम
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