हस्ताक्षर करनें वालों में मैनेजमेंट की ओर से वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी, जुबिन पालिया, संदीप धीर, जबकि यूनियन की ओर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु शामिल थे. इस समझौता के तहत तय किया गया कि कर्मचारी पुत्रों के डिप्लोमा या किसी तरह का इंजीनियरिंग का डिग्री होने की स्थिति में एनएस सात ग्रेड में बहाल किया जायेगा, लेकिन उसके लिए उनको परीक्षा पास करना होगा.
अगर कोई कर्मचारी ट्रेनिंग करने के बाद परीक्षा पास नहीं कर पाता है, तो उनको एनएस-1 ग्रेड में बहाल किया जायेगा. इसके अलावा कर्मचारियों का उनका बेटा, दामाद, बहू समेत अन्य सारे लोगों द्वारा छह हजार रुपये प्रतिमाह का मेंटेनेंस दिया जाता था, जिसको बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया गया है. यह नौकरी छोड़ो-नौकरी पाओ स्कीम के तहत बदलाव किया गया है, जिसको तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.