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शुक्रवार को 20 हिरण ने टाटा को किया गुड बाय

टाटा जू से जानवराें को नॉर्थ बंगाल वाइल्ड लाइफ पार्क में किया जा रहा है शिफ्ट जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के जानवरों को पश्चिम बंगाल के नॉर्थ बंगाल वाइल्ड लाइफ पार्क में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को टाटा जू के 20 हिरणों को बंगाल भेजा गया. इससे पहले […]

टाटा जू से जानवराें को नॉर्थ बंगाल वाइल्ड लाइफ पार्क में किया जा रहा है शिफ्ट

जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के जानवरों को पश्चिम बंगाल के नॉर्थ बंगाल वाइल्ड लाइफ पार्क में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को टाटा जू के 20 हिरणों को बंगाल भेजा गया. इससे पहले शुक्रवार की सुबह से ही हिरणों की धड़कपड़ शुरू की गयी. शुक्रवार को कुल नौ हिरणों को पकड़ा गया. हालांकि गुरुवार को 11 हिरणों को पकड़ा गया था. हिरणों की कुल संख्या 20 होने के बाद उसे
विशेष वैन के जरिये भेजा गया. शुक्रवार को हिरणों को भेजे जाने के बाद भी देर शाम को हिरणों की धड़पकड़ चलती रही. टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क प्रबंधन की अोर से इसके लिए खास तौर पर व्यवस्था की गयी है.
हिरण के बाड़े को हरे रंग के कपड़े से लपेटा गया है. साथ ही बाड़े में केज को रखा गया है. खाना खाने या फिर बाड़े में विचरण करने के दौरान अगर हिरण उक्त केज की तरफ बढ़ता है तो वह खुद ब खुद पकड़ा जा रहा है. 26 नवंबर तक होगी धड़-पकड़ : जू प्रबंधन के अनुसार टाइगर व हॉग डियर को पकड़ कर भेजा जा चुका है. अब सिर्फ हिरणों को ही शिफ्ट करना बाकी है. 40 हिरणों को पकड़ कर भेजा जा चुका है. 60 अन्य हिरणों को बंगाल शिफ्ट किया जायेगा.
26 नवंबर तक यह धड़-पकड़ की जायेगी. हालांकि डॉ पालित ने बताया कि ठंड काफी बढ़ गयी है, ठंड में पकड़ने का काम नहीं होता है. 26 के बाद इसे बंद कर दिया जायेगा. अगर 26 फरवरी तक 100 हिरणों को नहीं पकड़ा जाता है, तो उसे बंद कर नये सिरे से फरवरी में इसकी शुरुआत की जायेगी.
हिरणों को आ रही है चोट, हो सकता है हार्ट अटैक
चिड़ियाघर प्रबंधन की अोर से हिरणों को पकड़ने के लिए सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा किया जा रहा है, लेकिन फिर भी हिरणों को आंशिक तौर पर हल्की चोटें लग रही है. जू के डॉक्टर डॉ पालित ने कहा कि हिरण को पकड़ने के दौरान हल्की चोटें आना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि हिरणों को सुरक्षित बंगाल भेजा जा रहा है, लेकिन अक्सर यह पाया गया है
कि जब लंबी यात्रा पर हिरण को किसी वैन में पकड़ कर भेजा जाता है, तो 2-4 प्रतिशत दुर्घटना की संभावना होती है. कारण है कि हिरण स्वाभाव से बड़ा कोमल जानवर होता है. जब उसे पकड़ कर वैन में रखा जाता है अौर जब वह यात्रा पर निकलता है तो अंदर से वह डर भी जाता है, इस स्थिति में यह संभावना बनी रहती है तो उसे हार्ट अटैक आये, लेकिन जमशेदपुर से गये सभी हिरणों के अब तक स्वस्थ रहने की खबर है.

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