जमशेदपुर : टाटा लीज के अधीन के पुराने सबलीज की रजिस्ट्री को गैर कानूनी करार दिया गया है. बताया जाता है कि पहले इसकी रजिस्ट्री रोक दी गयी थी. इसके बाद राज्य सरकार के साथ जिले के तत्कालीन रजिस्ट्रार समेत अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पत्राचार किया था. पत्राचार के बाद राज्य सरकार ने कानूनी सलाह ली.
राज्य सरकार को कानूनी सलाह दी गयी है कि इस तरह सबलीज की जमीन की रजिस्ट्री नहीं करने दी जा सकती है. हालांकि, राज्य सरकार अब बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है. बताया जाता है कि नोएडा एरिया में जिस तरह से सबलीज की जमीन बंदोबस्त की गयी है, उसके आधार पर इसका रास्ता निकाला जायेगा. नोएडा एरिया में भी सबलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश दिया गया है. इसके आधार पर सबलीज क्या टाटा लीज की जमीन पर भी की जा सकती है, इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है.
जानकारी के मुताबिक टाटा लीज एरिया में सामान्य रैयती जमीन पर बनने वाले मकान या अन्य भवनों की खरीद-बिक्री होती है और उसकी रजिस्ट्री भी होती है. एकाउंटेंट जनरल ने सवाल उठाया है कि जब टाटा लीज ही वर्ष 2025 तक के लिए दिया गया है, ऐसे में इस जमीन पर खरीद-बिक्री की इजाजत अनंत काल के लिए कैसे दी जा सकती है? रजिस्ट्री विभाग टाटा लीज एरिया में वर्तमान में सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर की ही खरीद बिक्री की रजिस्ट्री करता है.
एकाउंटेंट जनरल की आपत्ति पर रुकी रजिस्ट्री
एकाउंटेंट जनरल (एजी) ने टाटा लीज एरिया में मकानों और फ्लैटों की खरीद-बिक्री पर आपत्ति जतायी थी. इसके बाद मार्च माह में इसकी रजिस्ट्री को रोक दी गयी. एकाउंटेंट जनरल का मानना है कि जिस जमीन का मालिक ही वह नहीं है, वह कैसे किसी जमीन पर बने भवन को बेच सकता है. लीज से सबलीज पर जमीन दी गयी है और सबलीजी उसको फिर से भाड़े पर या सब लीज कर सकता है, उसको बेच नहीं सकता है क्योंकि उस भवन, मकान या कोई भी स्ट्रक्चर का मालिकाना हक उसका नहीं हो सकता है. इसी को आधार बनाकर बैंक भी लीज एरिया के निर्माण पर फाइनांस नहीं करता है.