धालभूमगढ़: धालभूमगढ़ में हवाई पट्टी के लिए भूमि अधिग्रहण किये जाने के विरोध में मंगलवार से रूआशोल और दूधचुआ के ग्रामीणों ने गांव के बच्चों को स्कूल भेजने पर रोक लगा दी है.
ग्रामसभा में निर्णय लिया गया है कि मांग पूरी होने तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जायेगा. रूआशोल उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को एक भी विद्यार्थी नहीं पहुंचा. विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका उषा रानी महतो और सहायक शिक्षक सुभाष मुर्मू ने बताया कि बच्चे निर्धारित समय पर विद्यालय नहीं पहुंचे तो अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय भेजने की अपील की.
अनुरोध के बाद भी अभिभावकों ने दो ही बच्चे को स्कूल भेजा. विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 55 है. विद्यालय के एसएमसी के अध्यक्ष मंगल सिंह ने बताया कि जब तक ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं होती है, तब तक ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. इसका निर्णय ग्राम सभा में हुआ. उन्होंने कहा कि हवाई पट्टी के लिए रूआशोल, दूधचुआ गांव का विस्थापन होगा. विस्थापन से गांव और स्कूल नहीं रहेंगे तो बच्चों को स्कूल भेज कर क्या होगा. यह गांव आैर ग्रामीणों के अस्तित्व का सवाल है.
ग्रामीणों की मांग है कि रूआशोल और दूधचुआ मौजा के भूमि हवाई पट्टी के लिए अधिग्रहित नहीं की जाये. मंगल ने यह भी बताया कि गांव के जो बच्चे उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवशोल में शिक्षा ग्रहण करते हैं, उन्होंने भी स्कूल जाना बंद कर दिया है. इसके अलावा जो बच्चे मंगलवार को स्कूल गये हैं, वे भी कल से जाना बंद कर देंगे. देवशोल जाने वाले बच्चों की संख्या करीब 35 बीच है. देवशोल मवि के प्रधानाध्यापक रजनीश महतो ने दूरभाष पर बताया कि रूआशोल गांव के एक छात्र और एक छात्रा मंगलवार को स्कूल आये थे. रूआशोल विद्यालय में बच्चे नहीं आये तो एमडीएम भी बंद रहा.
मां-िपता को समझायेंगे
रूआशोल प्राथमिक में एक भी बच्चे के विद्यालय नहीं आने की सूचना है. अभिभावकों को समझा-बुझाकर बच्चों को विद्यालय भेजने की पहल करेंगे.
जलेश्वर शाह, बीइइओ