जमशेदपुर: लोको कॉलोनी की बच्ची सृष्टि मंडल को दिल्ली ले जाकर बेचने के आरोप में परसुडीह पुलिस ने गुमला के कामलारा थानाक्षेत्र के डोंगरीटोली निवासी ममता नायक, सुमंती कांगारी और उसके पति कुलदीप कंडुलना को गिरफ्तार किया है. पुलिस तीनों को शहर लाकर न्यायिक दंडाधिकारी कमल रंजन की अदालत में प्रस्तुत किया. इसके बाद घाघीडीह […]
जमशेदपुर: लोको कॉलोनी की बच्ची सृष्टि मंडल को दिल्ली ले जाकर बेचने के आरोप में परसुडीह पुलिस ने गुमला के कामलारा थानाक्षेत्र के डोंगरीटोली निवासी ममता नायक, सुमंती कांगारी और उसके पति कुलदीप कंडुलना को गिरफ्तार किया है. पुलिस तीनों को शहर लाकर न्यायिक दंडाधिकारी कमल रंजन की अदालत में प्रस्तुत किया. इसके बाद घाघीडीह जेल भेज दिया है.
इस संबंध में परसुडीह थाना में अपहृत बच्ची की मां सवित्री उरांव के बयान पर जानेगोड़ा की ममता नायक, गुमला के कामडरा के ममता की बहन सुमंती और सुमंती के पति व दिल्ली के दिलीप नायक के खिलाफ धारा 370 ए और 371 के खिलाफ 27 अप्रैल 17 को मामला दर्ज किया गया था.
बच्ची शहर से गुमला और वहां से दिल्ली ले जायी गयी थी : पुलिस के अनुसार सृष्टि के पिता श्यामू उरांव और ममता नायक दोनों एक ही ठेकेदार के अधीन काम करते थे. दोनों में दोस्ती थी. मामला दर्ज करने के दो वर्ष पूर्व ममता नायक श्यामू के घर गयी और उसकी तीन बेटियों में से एक बेटी को घर में बच्चे का पालन-पोषण करने की बात कह कर अपने घर ले गयी. ममता ने बच्ची (सृष्टि) को दूसरे दिन ही गुमला में अपनी बहन के घर शिफ्ट कर दिया.
दो दिन बाद श्यामू उरांव ने ममता को बच्ची वापस करने का दबाव बनाया तो ममता श्यामू को अपनी बहन के घर ले गयी. ममता ने वहां श्यामू को यह जताने का प्रयास किया कि बच्ची बहुत खुश है और उसे कोई तकलीफ नहीं है, लेकिन श्यामू बच्ची को ले जाने की बात करता रहा. इसके बाद भी ममता ने बच्ची नहीं दी. इधर, ममता व उसकी बहन सुमंती बच्ची को गुमला से दिल्ली ले गये. दिल्ली में दिलीप को बच्ची को सौंप कर दोनों वापस चले आये. दिलीप ने बच्ची को आगे एक लड़के को बेच दी. वह लड़का दिल्ली में बच्ची को अपने घर का काम करवाने लगा. बच्ची एक वर्ष तक लड़के के घर में कैद रही और काम करती रही. बच्ची मौका पा कर लड़के के घर से भाग गयी.
सड़क पर भटकी बच्ची को लोगों ने पहुंचाया था दिल्ली पुलिस के पास
दिल्ली में बच्ची को भटकते हुए एक महिला ने देखा और उसकी कहानी सुन कर उसे दिल्ली पुलिस के पास पहुंचा दिया. दिल्ली पुलिस ने बच्ची का नाम पूछा, लेकिन वह अपना पता नहीं बता पा रही थी. काफी खोजबीन के बाद बच्ची को दिल्ली पुलिस ने मायापुर में निर्मला एनजीओ के पास पहुंचा दिया. वहां बच्ची 25 दिन तक रही और सीडब्ल्यूसी के माध्यम से दिल्ली पुलिस बच्ची (सृष्टि) को बाल मित्र थाना के अधिकारी डीएसपी कैलाश करमाली के पास जमशेदपुर लेकर पहुंची. डीएसपी ने बच्ची से बातचीत करने के बाद उसे लोको घर तक पहुंचाया था.