नोवामुंडी: खुद को सीआइडी इंस्पेक्टर बताकर पुलिस तथा प्रशासन में पैठ जमाये और पिछले सात सालों से लौहांचल में अवैध वसूली में जुटे शख्स को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. उसके घर से फर्जी लेटर पैड व स्टांप समेत कई फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये हैं. अरविंद कुमार सिन्हा नाम का फर्जी सीआइडी इंस्पेक्टर कोडरमा जिले की सीमा से सटे बिहार के किसी स्थान का निवासी बताया जा रहा है.
उसके खिलाफ पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता को क्षेत्र से कई शिकायतें मिली थीं जिसके बाद वह उस पर खुफिया तरीके से निगाह रखने लगे और सीआइडी अफसर बनकर वसूली की बात सामने आने पर उसे पुलिस ने दबोच लिया. पूछताछ में वह सीआइडी से जुड़े होंने का कोई प्रमाण पुलिस को उपलब्ध नहीं करा पाया.
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अरविंद ने नोवामुंडी के अलावा जगन्नाथपुर, जैंतगढ़, बड़ाजामदा, गुवा आदि क्षेत्रों को अपना चारागाह बना रखा था और अवैध कारोबारियों का भयादोहन कर न सिर्फ जीविकोपार्जन कर रहा था बल्कि पुलिस और प्रशासन में भी अपनी धौंस जमा रखी थी.
अरविंद ने सीआइडी के नाम पर उसने सेंट्रल कैंप एरिया में टिस्को का क्वार्टर (बी-448) आवंटित करा लिया जिस पर उसका अब भी कब्जा है. इसके अलावा उसने प्रखंड कॉलोनी में एक सरकारी क्वार्टर हासिल कर लिया जिसमें परिवार सहित रहता है. परिवार में पत्नी व एक बेटा तथा एक बेटी है. दोनों बच्चे टाटा डीएवी में पढ़ रहे हैं.
फर्जी सीआइडी इंस्पेक्टर बनकर वसूली किये जाने की शिकायत मिल रही थी. आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. उसके द्वारा सीआइडी से संबंधित न तो दस्तावेज दिखाये गये हैं, न ही उसने अपने विभाग से संबंधित किसी उच्च अधिकारी से बात करायी है.
अनीश गुप्ता, एसपी, पश्चिम सिंहभूम
घर से मिले दस्तावेज में फर्जीवाड़े के सबूत : अरविंद कुमार सिन्हा के घर से बरामद फर्जी लेटर पैड व स्टांप में ‘रेल मंत्रालय, भारत सरकार के निजी सचिव, भारत सरकार द्वारा नियुक्त’ लिखा है. स्टांप कंप्यूटर द्वारा बनाया गया है. बरामद कागजात में आपत्तिजनक तरीके से स्थानीय प्रशासन में भय उत्पन्न करने के सबूत मिले हैं. एक पेपर में लिखा मिला है, ‘सीआईडी इंस्पेक्टर अरविंद सिन्हा को झारखंड सरकार की सीआइडी हरिश पिंगवा क्यों परेशान कर रहा है. तंग करने से केंद्र सरकार के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है.’