जुलूस का नेतृत्व मनोज मुंडा, देवराज मुंडा, संतोष सामंत व जगदीश मुंडा कर रहे थे. विसर्जन जुलूस न्यू उलीडीह टैंक रोड से डिमना रोड होते हुए मानगो चौक और फिर मानगो सुवर्णरेखा घाट पहुंचा. यहां पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना बाद करम की डाली व माता जावारानी को विसर्जित किया गया.
विसर्जन जुलूस में बतौर अतिथि बतौर विजय सोलंकी, शोभा सामंत, नंदलाल पातर, लखन सोलंकी शामिल हुए. विसर्जन जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं की सेवा के लिए सहायता शिविर भी लगाया गया था. करमा पूजा को सफल बनाने में देवराज मुंडा, प्रकाश सांडिल, छोटे मुंडा, नंदलाल पातर, विशाल सोलंकी, द्रौपदी सांडिल, ममता मुंडा आदि ने योगदान दिया.