रूही मुंडा के मुताबिक चार अगस्त की रात करीब 11 बजे पुलिस उसके घर पहुंची. घर से उठा कर उसे पास स्थित ओड़िशा के पाकटिया जंगल ले गयी. पुलिस ने कहा कि उसके पास एक कार्बाइन तथा एक पेटी कारतूस है. इन्हें पुलिस को लौटा दे. उससे कहा गया कि सरेंडर करने वाले नक्सली कान्हु मुंडा और एक अन्य नक्सली आकाश ने पुलिस को जानकारी दी है कि रूही के पास एक कार्बाइन और एक पेटी कारतूस है. उसने पुलिस से कहा कि यह बात गलत है. उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं है. उसका घर सर्च किया जाये.
इतना कुछ कहने के बाद भी पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की. रूही के मुताबिक पूर्व में उसे नक्सली आरोप में कई बार जेल जाना पड़ा था. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को ग्राम प्रधान से बात करनी चाहिए थी. इस मसले पर थाना प्रभारी कुलदीप कुमार ने कहा कि रूही मुंडा के साथ पुलिस ने मारपीट नहीं की है. ऐसी किसी घटना की उन्हें जानकारी नहीं है. मामले की जांच की जायेगी.