– प्रदूषण से लोग परेशान, प्रशासन के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी – बरकाकाना एवोडिंग स्टेशन से इस वार्ड की बढ़ेगी रौनक पंकज सोनी फोटो फाइल 13आर-2: स्वरोजगार से जुड़ी महिला अपने उत्पाद के साथ. 13आर-3: सफाई के अभाव में जाम नाली व सड़क पर बहता गंदा पानी, 13आर-4: वार्ड पार्षद गीता देवी, 13आर-5:मदन रविदास, 13आर-6: ललीता देवी, 13आर-7: सतपाल बोहरा, 13आर-8: बरकाकाना एवोडिंग स्टेशन व खड़ी मालगाड़ी. बरकाकाना. रामगढ़ नगर परिषद का वार्ड नंबर 21 की कुल आबादी लगभग 6500 है. जिसमें वोटरों की संख्या 3800 है. इस वार्ड में घुटूवा बस्ती, उरलुंग, पहानबेड़ा, आंबेडकर चौक, ओल्ड माइनस, दो नंबर गेट, गुरूद्वारा कॉलोनी, बैंक लाइन, श्रीराम नगर व सीसीएल कॉलोनी का क्षेत्र आते है. यह वार्ड आदिवासी बहुल है. इस वार्ड में समान्य, एससी, ओबीसी, मुस्लिम जाति के लोग निवास करते है. इस क्षेत्र में सीसीएल कॉलोनी में केंद्रीय कर्मशाला के कर्मी नौकरी-पेशा से जुड़े हुए है. इसके अलावा अन्य क्षेत्र में लोग कृषि व मजदूरी का काम करते है. इस वार्ड की भूमि का अधिग्रहण सीसीएल, सीएमपीडीआई व रेलवे द्वारा किया गया है. रेलवे द्वारा इस वार्ड क्षेत्र के उरलुंग-पहानबेड़ा गांव के सीमाने पर बरकाकाना एवोडिंग स्टेशन का भी निर्माण कराया गया है. इस स्टेशन का निर्माण भविष्य में बरकाकाना स्टेशन के लोड़ को कम करने के लिया कराया गया हे. रेलवे सूत्रों की मानें तो इस एवोडिंग स्टेशन से कई ट्रेनों का परिचालन भी बहुत जल्द शुरू हो जायेगा. इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण व पेयजल है. प्रदूषण के व्यापक प्रभाव यहां पर निवास करने वाले लोगों, मवेशियों, फसलों तथा पेड़-पौधों में पड़ रहा है. लोगों द्वारा कई बार प्रदूषण के खिलाफ आंदोलन किया गया. लेकिन जिला प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण अब तक प्रदूषण से निजात नहीं मिल पाया है. प्रदूषण को लेकर यहां के लोगों में फैक्ट्री प्रबंधन व जिला प्रशासन के प्रति आक्रोश है. क्या कहती है वार्ड पार्षद इस वार्ड की पार्षद गीता देवी है. जो आदिवासी समुदाय से आती है. गीता देवी ने बताया कि उनके वार्ड के अग्रवाल मेडिकल हॉल से गुरूद्वारा कॉलोनी के विजय स्वर्णकार के आवास तक सड़क का निर्माण कराना बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. इस सड़क निर्माण में स्थानीय रैयतों की मांग समेत कई बाधा थी. लोगों के साथ काफी लंबे समय तक वार्ता के बाद इस सड़क का निर्माण पूरा कराया गया. महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये सीसीएल कंपनी के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया गया. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ अपने परिवार को आर्थिक सहयोग दे रही है. इसी वार्ड के आदिवासी बहुल गांव उरलुंग व पहानबेड़ा जाने के लिये मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पार करना लोगों की मजबूरी थी. रेलवे लाइन पार करने के दौरान कई बार दुर्घटनाएं भी हुई. रेलवे द्वारा कई बार इस मानव रहित क्रॉसिंग को बंद करने के लिये पिलर भी गलाने का काम किया गया. रेलवे मंत्रालय व विभाग से लगातार पत्राचार कर इस समस्या के समाधान की मांग की गयी. रेलवे द्वारा इस समस्या का निदान करते हुये एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया. जिससे उरलुंग व पहानबेड़ा जाना सुलभ व सुरक्षित हो गया. इस वार्ड क्षेत्र में सीसीएल से एनओसी लेना तथा किसी भी योजना को पूरा करना एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन सभी चुनौतियों को पार करते हुये पूरे वार्ड क्षेत्र में पेयजल के लिये जलमीनार, हैंडपंप, पीसीसी सड़क, स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट आदि काम किया गया. पूरे वार्ड में विभिन्न माध्यमों से लोगों को सभ्यता-संस्कृति से जोड़ा गया. स्वरोजगार से जुड़ कर महिलायें हो रही आर्थिक रूप से सबल इस वार्ड में 20 महिलाओं का एक समूह प्रशिक्षण लेकर जुट के बैग, वाटर बोतल कवर, फाइल कवर बैग, पर्स, थैले आदि का निर्माण कर रही है. निर्मित जुट के समानों को बेच कर आर्थिक रूप से सबल हो रही है. इस काम में रेखा देवी, संगीता देवी, चंचला कुमारी, ममता बेदिया, सुमन देवी, बुधनी मांझी, सुषमा कुमारी आदि शामिल है. इन महिलाओं ने बताया कि प्लास्टिक मुक्त अभियान को पूरा करने में जुट से बने उत्पाद काफी सहायक है. एक ओर जहां प्लास्टिक से कई तरह की बीमारियों का सृजन होता है. वही जुट के उत्पाद प्रकृति से जुड़े रहने के कारण मनुष्यों, जीव जंतु पर कोई भी विकृत प्रभाव नही डालता है. बताया कि जुट के उत्पाद वर्तमान में रोजगार व अन्य मेला में बिकते है. रेलवे के एक देश एक उत्पाद काउंटर में इसकी बिक्री अच्दी नही हो पाती है. तथा निर्मित समानों के लिये बाजार में जगारूकता कम है. जिसे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. जिला प्रशासन को जुट के उत्पाद के बिक्री के लिये सकरात्मक पहल करनी चाहियें. क्या कहते है मदन रविदास इस वार्ड के मदन रविदास ने बताया कि रविदास मुहल्ले के कुछ हिस्से में अब तक पीसीसी सड़क का निर्माण नही हुआ है. यहां पर रहने वाले लोग आर्थिक रूप से कमजोर हे. उन लोगों का राशन कार्ड नही बन पा रहा है. जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.वही सफायी के आभाव के कारण कई जगह नालियं सड़क पर बह रही है. क्या कहती है ललीता देवी ललीता देवी ने कहा कि सरकार द्वारा मइयां सम्मान योजना की घोषणा की गयी. जिसके बाद दो बार उनके खाते में पैसें आये भी. लेकिन सरकार बनने के बाद से उनके खाते में योजना की राशि नही आ रही है. यह समस्या इस वार्ड की दर्जनों महिलाओं के साथ है. सरकार को इस योजना को पूरा करना चाहियें चुनावी वादा बना कर नही छोड़ना चाहियें. क्या कहते सतपाल बोहरा वरिष्ठ नागरिक सतपाल बोहरा ने कहा कि यह वार्ड प्रदूषण से परेशान है. पास के ही फैक्ट्री से रसायनिक धुंआ, धुलकण से पूरा वातावरण प्रदूषण की चपेट में है. लोगों को श्वांस संबंधित बिमारियां हो रही है. शिकायतों के बाद भी सरकार व जिला प्रशासन मौन धारण कर उदासीन है.
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