इचाक. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इचाक में रूरल हेल्थ प्रैक्टिशनरों को वाहक जनित रोगों से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रवीण कुमार एवं मलेरिया टेक्नीशियन संत कुमार ने मच्छरों से होने वाली बीमारियों की पहचान, लक्षण, उपचार के बारे में बताया. कहा कि क्षेत्र में मुख्य रूप से तीन प्रकार के मच्छर पाये जाते हैं. जिनसे मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होती है. राज्य सरकार द्वारा आदेशित नोटिफिएबल डिजीज के बारे में बताते हुए कहा कि मलेरिया होने की स्थिति में इसकी सूचना नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र एवं अस्पताल को देना अनिवार्य है, ताकि मलेरिया पोर्टल पर जानकारी अपलोड की जा सके और संबंधित गांव में निगरानी की जा सके. पीरामल फाउंडेशन के को-ऑर्डिनेटर अब्दुल मन्नान ने फाइलेरिया रोग की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष इसकी दवा खानी चाहिए. एमटीएस संत कुमार ने भी कई जानकारी दी. प्रशिक्षण को सफल बनाने में प्रखंड लेखा प्रबंधक रत्नेश कुमार सिंह, हेल्थ मैनेजर मनीष सिंह, फार्मासिस्ट रमेश प्रसाद गुप्ता, सुनील कुमार एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का योगदान रहा.
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