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एक किमी तक सुनायी दी भूस्खलन की आवाज

बभनबै पहाड़ में भूस्खलन की घटना

हजारीबाग. सदर प्रखंड के बभनबै पहाड़ में सोमवार की सुबह भूस्खलन की घटना हुई. भूस्खलन में हजारों टन चट्टान, मिट्टी और मलबा नीचे गिर गया. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. भूस्खलन की आवाज इतनी जोरदार थी कि एक किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनायी दी. आवाज सुनकर बभनबै, नया खाप व मुकुंदगंज समेत आसपास के गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे. भूस्खलन में पत्थर की बड़ी-बड़ी चट्टानें लुढ़ककर पहाड़ की तराई में स्थित गड्ढे में गिरीं. जिस गड्ढे में मलबा गिरा, वहां पानी भरा रहता था और ग्रामीण उसका इस्तेमाल कपड़े धोने व नहाने के लिए करते थे.

25 साल पहले चलता था क्रशर

घटनास्थल पर पहुंचे बोचों गांव के राजेश कुमार ने बताया कि करीब 25 साल पहले इस पहाड़ को लीज पर लेकर भरत सिंह (अब स्वर्गीय) पत्थर की तोड़ाई व क्रशर का संचालन करते थे. बाद में सरकार ने इसे बंद कर दिया. पत्थर तोड़ने के क्रम में पहाड़ की तलहटी में खुदाई कर पत्थर निकाले गये, जिससे तालाबनुमा गड्ढा बन गया था. मूसलाधार बारिश के कारण नीचे का हिस्सा बह गया और पहाड़ का ऊपरी हिस्सा खोखला हो गया, जिससे यह भयावह घटना हुई.

पत्थर तोड़ने के दौरान पेड़ भी कटे थे

पेड़ों की जड़ें पत्थरों को थामे रखती थीं. इस संबंध में आशुतोष कुमार ने बताया कि क्रशर संचालन के दौरान पहाड़ के पेड़-पौधे काट दिये गये थे, जिसके कारण चट्टानें बेसहारा हो गयीं. मोहिनी देवी, सुमन देवी, कौलेश्वरी देवी, बजरंगी राम और रामू राम ने बताया कि तालाबनुमा गड्ढे में ग्रामीण कपड़े धोते थे और मवेशियों को पानी पिलाते थे.

घटनास्थल से गांव 100-150 मीटर दूर

पहाड़ से करीब 100-150 मीटर की दूरी पर बभनबै, नया खाप और मुकुंदगंज गांव स्थित हैं. पहाड़ के नीचे मुकुंदगंज-भेलवारा पथ गुजरता है, जिससे कई गांव जुड़े हैं और रोजाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं. पहाड़ के हिस्से के धंसने से इलाके में दहशत का माहौल है.

पहाड़ के दूसरे हिस्से में भी खतराबभनबै पहाड़ के दूसरी ओर बभनी गांव की दिशा में भी भूस्खलन की संभावना है. यहां भी पहले क्रशर संचालित होता था और बड़े पैमाने पर तलहटी की खुदाई हुई थी. इस तरफ भी बड़े गड्ढे बने हैं और बरसात में अक्सर पत्थर व मिट्टी गिरते रहते हैं. बभनी गांव के लोगों ने आशंका जतायी है कि जोरदार बारिश होने पर कभी भी ऐसी ही घटना हो सकती है.बभनबै पहाड़ में भूस्खलन की घटनाहजारीबाग. सदर प्रखंड के बभनबै पहाड़ में सोमवार की सुबह भूस्खलन की घटना हुई. भूस्खलन में हजारों टन चट्टान, मिट्टी और मलबा नीचे गिर गया. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. भूस्खलन की आवाज इतनी जोरदार थी कि एक किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनायी दी. आवाज सुनकर बभनबै, नया खाप व मुकुंदगंज समेत आसपास के गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे. भूस्खलन में पत्थर की बड़ी-बड़ी चट्टानें लुढ़ककर पहाड़ की तराई में स्थित गड्ढे में गिरीं. जिस गड्ढे में मलबा गिरा, वहां पानी भरा रहता था और ग्रामीण उसका इस्तेमाल कपड़े धोने व नहाने के लिए करते थे.

25 साल पहले चलता था क्रशर

घटनास्थल पर पहुंचे बोचों गांव के राजेश कुमार ने बताया कि करीब 25 साल पहले इस पहाड़ को लीज पर लेकर भरत सिंह (अब स्वर्गीय) पत्थर की तोड़ाई व क्रशर का संचालन करते थे. बाद में सरकार ने इसे बंद कर दिया. पत्थर तोड़ने के क्रम में पहाड़ की तलहटी में खुदाई कर पत्थर निकाले गये, जिससे तालाबनुमा गड्ढा बन गया था. मूसलाधार बारिश के कारण नीचे का हिस्सा बह गया और पहाड़ का ऊपरी हिस्सा खोखला हो गया, जिससे यह भयावह घटना हुई.

पत्थर तोड़ने के दौरान पेड़ भी कटे थेपेड़ों की जड़ें पत्थरों को थामे रखती थीं. इस संबंध में आशुतोष कुमार ने बताया कि क्रशर संचालन के दौरान पहाड़ के पेड़-पौधे काट दिये गये थे, जिसके कारण चट्टानें बेसहारा हो गयीं. मोहिनी देवी, सुमन देवी, कौलेश्वरी देवी, बजरंगी राम और रामू राम ने बताया कि तालाबनुमा गड्ढे में ग्रामीण कपड़े धोते थे और मवेशियों को पानी पिलाते थे.

पेड़ों की जड़ें पत्थरों को थामे रखती थीं. इस संबंध में आशुतोष कुमार ने बताया कि क्रशर संचालन के दौरान पहाड़ के पेड़-पौधे काट दिये गये थे, जिसके कारण चट्टानें बेसहारा हो गयीं. मोहिनी देवी, सुमन देवी, कौलेश्वरी देवी, बजरंगी राम और रामू राम ने बताया कि तालाबनुमा गड्ढे में ग्रामीण कपड़े धोते थे और मवेशियों को पानी पिलाते थे.

घटनास्थल से गांव 100-150 मीटर दूरपहाड़ से करीब 100-150 मीटर की दूरी पर बभनबै, नया खाप और मुकुंदगंज गांव स्थित हैं. पहाड़ के नीचे मुकुंदगंज-भेलवारा पथ गुजरता है, जिससे कई गांव जुड़े हैं और रोजाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं. पहाड़ के हिस्से के धंसने से इलाके में दहशत का माहौल है.

पहाड़ के दूसरे हिस्से में भी खतराबभनबै पहाड़ के दूसरी ओर बभनी गांव की दिशा में भी भूस्खलन की संभावना है. यहां भी पहले क्रशर संचालित होता था और बड़े पैमाने पर तलहटी की खुदाई हुई थी. इस तरफ भी बड़े गड्ढे बने हैं और बरसात में अक्सर पत्थर व मिट्टी गिरते रहते हैं. बभनी गांव के लोगों ने आशंका जतायी है कि जोरदार बारिश होने पर कभी भी ऐसी ही घटना हो सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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