16हैज111में- दारू के चिरुवां में होली के गीत पर झूमते लोग दारू. दारू प्रखंड क्षेत्र में छिटपुट घटना को छोड़कर होली का पर्व शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया. 13 मार्च की रात्रि को होलिका दहन किया गया. शुक्रवार और शनिवार को दोनों दिन रंगों की होली खेली गयी. सुबह से ही लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई देते नजर आये. कहीं डीजे तो कही ढ़ोल मंजीरा के धुन पर गांव के महिला पुरुष युवा एक साथ थिरकते रहे. होली का त्योहार पूरे प्रखंड क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार परम्परागत तरीके से मनायी गयी. प्राचीन काल से धार्मिक व सामाजिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन व उसके दूसरे दिन रंग-गुलाल एक-दूसरे को लगाने की परंपरा चली आ रही है. दारू के इरगा, चिरुवा, दारू, हरली, जिनगा, खरिका पुनाई, कबिलासी, मेढकुरी, दिगवार, बासोबार, हरली, पेटो, झूमरा, गोपालों, जरगा समेत कई गांवों में लोग होली के दिन होलिका की राख से पहले पहर होली खेले. दोपहर बाद लोग गांव के मंदिरों में झाल, करताल, ढोलक, ताशा के झनकार के साथ फगुआ गीत गाते हुए एक दूसरे को रंग-अबीर लगाकर गले मिले. गांव की प्रत्येक गलियों में लोग घूमते हुए नजर आए. जबकि महिलाएं एक-दूसरे के घर-घर जाकर रंग लगाते नज़र आये. बच्चों की टोली अलग ही आनन्द लेने में मशगूल रही. दिग्वार में होली खेलने दौरान दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना घटी. जिसमें दो लोग घायल हो गये. दोनों काे इलाज के लिए हजारीबाग भेजा गया. दारू थाना प्रभारी सफीक खान क्षेत्र में शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाने में सक्रिय रहे.
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