हमारी मातृभाषा में समाहित होती है हमारी संस्कृति: डॉ कृष्ण हज़ारीबाग. विभावि में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को समारोह सह संगोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता ने की. उन्होंने बताया कि हमारी पूरी संस्कृति हमारी मातृभाषा में समाहित होती है. हम अपनी मातृभाषा के माध्यम से ही अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं. उन्होंने बताया कि किस प्रकार से भारत के अलग-अलग राज्यों में एवं विश्व के अलग-अलग राष्ट्र में लोग अपनी मातृभाषा के महत्व को समझने लगे हैं एवं इसके प्रति जागरूक हुए हैं. डॉ केदार सिंह ने लुप्त हो रही भाषाओं की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने ऐसी भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता की बात कही. डॉ सुबोध कुमार सिंह शिवगीत ने मातृभाषा के रूप में भारतीय संस्कृति के संरक्षण के विषय पर प्रकाश डाला. कहा कि जब तक भाषा बची रहेगी, तब तक संस्कृति भी सुरक्षित रहेगी. विभावि के परीक्षा नियंत्रक डॉ सुनील कुमार दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय विकास में मातृभाषा की क्या उपयोगिता है. डॉ राजू राम ने विद्यार्थियों को मातृभाषा का उपयोग अधिक से अधिक करने के लिए प्रेरित किया. मंच संचालन शोधार्थी अंजली कुमारी एवं धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी प्रियंका कुमारी ने किया. इस अवसर पर हिंदी विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे.
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