जुलूस में शामिल सभी अखाड़े धारियों के लोगों को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया स्वागत कटकमसांडी. कटकमसांडी प्रखंड के ढौठवा गांव में दो जिले चतरा और हजारीबाग का दर्जनों अखाड़े दोपहर हाई स्कूल मैदान पहुंचा. जहां पर लोगों ने घंटों कला कौशल का प्रदर्शन किया . कटकमसांडी प्रखंड वर्षों से कौमी एकता का मिशाल पेश करते आ रही है. छड़वा मुहर्रम मेला में जहां अंतु साव और सुधीर साव का ताजिया कौमी एकता का मिशाल पेश करता है. वहीं प्रखंड के सुदूरवर्ती ढौठवा गांव में रामनवमी जुलूस के दिन मुस्लिम समाज के लोग जहां रामभक्तो को माला पहनाकर कर सम्मानित किया और फिर कला कौशल का प्रदर्शन भी किया. ढौठवा गांव में नवमी के दिन दो जिले के अखाड़े धारी दोपहर एक बजे पहुंचे और घंटो कला कौशल का प्रदर्शन कर शाम छह बजे अपने अपने गांव लौट गये. महानवमी के दिन चतरा और हजारीबाग जिले के एक दर्जन से अधिक अखाड़ाधारी ढौठवा हाईस्कूल मैदान पहुंचे. जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और जुलूस का स्वागत भी किया. यह परंपरा पिछले 100 सालों से अधिक समय से चली आ रही है. गांव के मुखिया जय प्रकाश केसरी ने बताया कि रामनवमी के दिन लगने वाला मेला कौमी एकता का भी मिसाल कायम करता है. यहां पर रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी रामनवमी जुलूस में बढ़चढ़ कर शिरकत करते हैं और भाईचारगी का संदेश बिखेरते हैं. ढौठवा हाई स्कूल में रामनवमी के दिन दोपहर दो बजे से ही चतरा जिले के लेंबोडीह, बेलहरी, उमाढाकी, राजबर, गोरियाडीह, सालबे, हमलता से अखाड़ेधरी आने लगते हैं. इसके अलावा कटकमसांडी प्रखंड क्षेत्र से ढौठवा, कोनहर, मारीगड़ा आदि गांव का जुलूस ढोल तासे के साथ हाई स्कूल मैदान पहुंचा . ढौठवा हाई स्कूल मैदान में वर्षों से चली आ रही परंपरा को मुस्लिम समुदाय का भी सहयोग मिल रहा है. पंचायत के पूर्व मुखिया शेर मोहम्मद खान रामनवमी मेले को लेकर कहते हैं कि ढौठवा पंचायत मे हिन्दू मुस्लिम मिलकर एक दूसरे का पर्व भाईचारगी के साथ मनाते हैं। एक दूसरे के पर्व में सहयोग वर्षों से होते चला आ रहा है। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों की स्थानों पर नवमी के दिन मेला का आयोजन होता है . जहां पर कई अखाड़ेधारी पहुंचते हैं और घंटों कला कौशल का प्रदर्शन करते हैं. इसमें प्रमुख स्थानों में से कटकमसांडी ,असधीर ,बहिमर ,कटकमदाग प्रखंड के सुल्ताना और फतहा शामिल हैं . असधीर मैदान में देर रात की गांवों से झांकी के साथ जुलूस पहुंचता है जहां पर लोग कला कौशल का प्रदर्शन करते हैं .इस दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले झांकियों को पुरस्कृत किया जाता है .
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