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जंगल व वन्य जीवों को बचाने का संकल्प

दूधमटिया में वन महोत्सव सह पर्यावरण मेला में जुटे हजारों लोग, पेड़ों में बांधा रक्षा सूत्र

टाटीझरिया. हजारीबाग-बगोदर मार्ग (एनएच-522) पर दूधमटिया में मंगलवार को वन महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश यादव ने की. संचालन मनीष चौधरी और सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया. कार्यक्रम में पर्यावरणविद महादेव महतो, मुख्य अतिथि बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता, सीएफ ममता प्रियदर्शी, डीएफओ विकास उज्ज्वल, रेंजर सुरेश राम, विजय कुमार, बटेश्वर मेहता उपस्थित थे. इस दौरान हजारों महिला-पुरुषों व बच्चों ने वन एवं वन्य जीवों का बचाने का संकल्प लिया. एक-एक पेड़ में रक्षा सूत्र बांधा. सुबह वन्य प्राणी सुरक्षा समिति टाटीझरिया के सदस्यों व ग्रामीणों ने वन देवी व पेड़ों की पूजा कर उपस्थित लोगों से जीव-जंतु और जंगल को बचाने की अपील की. स्कूली बच्चों ने गीत-संगीत, नाटक व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को वन एवं पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया. इस वन महोत्सव का आयोजन वन्य प्राणी सुरक्षा समिति टाटीझरिया और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से होता है. देखरेख दुधमटिया वन समिति करती है.

वन रक्षाबंधन को जन आंदोलन बनाने की जरूरत : महादेव महतो

पर्यावरणविद महादेव महतो ने कहा कि वन रक्षाबंधन को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित लोगों से पेड़-पौधों और जीव-जंतु को बचाने की अपील की. विधायक अमित यादव ने कहा कि बेटी और वन को बचाना जरूरी है. बेटी से वंश चलता है और जंगल से जीवन चलता है. कार्यक्रम को अन्य अतिथियों व महेंद्र राम सहित कई लोगों ने संबोधित किया. डीएफओ ने कहा कि दूधमटिया के तर्ज पर 1200 जंगलों में रक्षाबंधन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से जंगल बचता है. इसमें समिति का बहुत योगदान है. हाथी से छेड़छाड़ नहीं करें.

पर्यावरण जागरूकता के लिए आयोजित किये गये कई कार्यक्रम

लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए कई रचनात्मक कार्यक्रम पेंटिंग, निबंध व क्विज प्रतियोगिता, नाटक, गीत-संगीत आयोजित किये गये. कनहरी से दूधमटिया तक साइकिल रैली, बीएसएफ द्वारा बैंड की प्रस्तुति व नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन हुई. इसमें बेहतर करने वाले स्कूल और बच्चों को सम्मानित किया गया. जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा कई जगहों पर वन एवं पर्यावरण जागरूकता को लेकर होर्डिंग लगाया गया था. वहीं नटराज कला केंद्र चोगा ईचागढ़, सरायकेला की टीम ने छऊ नृत्य प्रस्तुत किया. स्वास्थ्य विभाग ने भी शिविर लगाया.

दूधमटिया में 31 वर्षों से लग रहा है पर्यावरण मेला

दूधमटिया में सात अक्तूबर 1995 से वृक्ष रक्षाबंधन सह पर्यावरण मेला का आयोजन हो रहा है. यह पहल वन्य प्राणी सुरक्षा समिति के सदस्य महादेव महतो, बद्री महतो, इंदु महतो, छक्कन यादव, योधी यादव, मूलचंद ठकुर, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, अमृत महतो ने की थी. सबसे पहले बेरहो में 1987 में मेला शुरू किया गया था. इसके बाद 1995 से दूधमटिया में वन महोत्सव के रूप में मेला शुरू किया गया. यह आज झारखंड का सबसे बड़ा पर्यावरण मेला बन चुका है. इसके तहत कई एकड़ में पेड़ बचाये और लगाये गये हैं. महादेव महतो कई जिलों और राज्यों में वृक्ष रक्षाबंधन का कार्यक्रम चला रहे हैं. उन्हें सृष्टि सम्मान व झारखंड रत्न सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं.

वन व वन्य जीव संरक्षण से संबंधित स्टॉल भी लगे थे

मेले में वन एवं वन्य जीव संरक्षण से संबंधित स्टाल भी लगे थे. एडिसन पब्लिक स्कूल, क्रिएटिव हाइस्कूल, नेशनल पब्लिक स्कूल, डीएवी सैनफोर्ड स्कूल, इंटरनेशनल स्कूल, न्यू ह्यूमन फाउंडेशन, जलछाजन, मिशन स्कूल पिपचो, जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, स्वास्थ्य विभाग टाटीझरिया, भारतीय जीवन बीमा निगम, जन जागरण केंद्र, झारक्राफ्ट, ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट सहित कई अन्य संस्थाओं ने स्टॉल लगाये थे.

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