हजारीबाग. बीमा उद्योग में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) की सीमा 100 प्रतिशत किये जाने के विरोध में गुरुवार को हजारीबाग मंडल अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की सभी शाखाओं में प्रदर्शन किया गया. यह प्रदर्शन बीमा व बैंकिंग क्षेत्र के श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में हुआ. मंडल कार्यालय परिसर में अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में भोजनावकाश के दौरान कर्मियों ने नारेबाजी की. हजारीबाग मंडल के महामंत्री जगदीश चंद मित्तल ने कहा कि सरकार सबका बीमा–सबकी रक्षा जैसे आकर्षक नामों के माध्यम से जनविरोधी नीतियों को थोप रही है. उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत एफडीआइ से न तो बीमाधारकों को लाभ होगा और न ही देश की अर्थव्यवस्था को. इससे घरेलू बचत पर विदेशी पूंजी का नियंत्रण बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान 74 प्रतिशत एफडीआइ सीमा भी पूरी तरह उपयोग में नहीं है, ऐसे में इसे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है. वक्ताओं ने आशंका जतायी कि इससे एलआइसी के सामाजिक दायित्व और कर्मचारियों की रोजगार सुरक्षा प्रभावित होगी. क्लास-वन फेडरेशन, पेंशनर्स एसोसिएशन और सीटू के प्रतिनिधियों ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की. अध्यक्षता अख्तर हुसैन ने की.
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