शालपर्णी में कराया गया प्राथमिक इलाज इचाक. नेशनल पार्क के शालपर्णी जंगल के समीप सूर्य मंदिर तालाब के पास पगडंडी में लकड़बग्घा का एक पैर 21 फरवरी की रात चूहेदानी (लाेहे का मुस्कैल) में फंस गया. सुबह जब परासी गांव के लोग तालाब की ओर गये, तो लकड़बग्घा को जमीन पर बैठा देख भयभीत हो गये. इसकी सूचना गांव में फैल गयी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी को दी. सूचना पाकर प्रोबेशनरी वन प्रमंडल पदाधिकारी मोहित बंशल, वनपाल पवन कुमार कश्यप, वनरक्षी श्रवण कुमार, नीरज पंडित, वाटर वरला समेत अन्य वनकर्मी पहुंचे. लकड़बग्घा को पिंजरा में बंद कर अपने कब्जे में ले लिया. वनपाल पवन कुमार कश्यप ने बताया कि शालपर्णी में घायल लकड़बग्घा का प्राथमिक इलाज करा कर सुरक्षित स्थान में रखा गया है. स्वस्थ होने के बाद वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर उचित स्थान को देखते हुए उसे छोड़ दिया जायेगा. इधर चूहेदानी किसने लगायी एवं क्यों लगायी गयी थी, इसकी जांच वन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं. कयास लगाया जा रहा है कि जंगली सूअर को फंसाने के उद्देश्य से लोगों ने चूहेदानी लगाया होगा.
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