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हजारीबाग में बैक-टू-स्कूल कैंपेन पर लाखों खर्च, शून्य नामांकन पर रोका गया मिड-डे-मिल

Hazaribagh News :सरकारी स्कूलों में इस वर्ष अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन करवाने के लिए रूआर कार्यक्रम चलाया गया था. 15 दिनों तक चले इस कैंपेन में लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आयें. शून्य नामांकन के कारण स्कूल का मिड-डे-मिल भी बंद कर दिया गया है.

Hazaribagh News| हजारीबाग, आरिफ : हजारीबाग जिले के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन करवाने के लिए रूआर कार्यक्रम (री एडमिशन ऑफ बैक टू स्कूल कैंपेन) चलाया गया था. यह कैंपेन 25 अप्रैल से 10 मई 2025 तक जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक चला था. 15 दिनों तक चले इस कैंपेन में लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आयें. गुरूवार को 21 दिन बाद भी कार्यक्रम के दरमियान 1800 स्कूल में नये नामांकन पर शिक्षा विभाग ने कोई अपडेट जारी नहीं किया है.

शून्य नामांकन पर रोका गया स्कूल का मध्यान भोजन

रूआर कार्यक्रम में शिक्षा परियोजना द्वारा मोटी राशि खर्च करने के बाद भी अधिकांश स्कूलों में बच्चों के नामांकन की स्थिति संतोषजनक नहीं है. कई स्कूलों में नामांकन न के बराबर है. इधर शून्य नामांकन के कारण विष्णुगढ़ प्रखंड के नौडीहा नव प्राथमिक विद्यालय (एनपीएस) में अप्रैल 2025 से मध्यान भोजन भी बंद कर दिया गया है. मार्च 2025 तक मध्यान भोजन की खाद्यान्न सामग्री 1463 स्कूलों में भेजी गयी. अप्रैल से एक स्कूल को घटाकर 1462 स्कूलों में ही मध्यान भोजन खाद्यान्न की सामग्री भेजी जा रही है.

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ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ने का था लक्ष्य

री-एडमिशन ऑफ बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत 1800 स्कूलों में शिक्षा से दूर रहने वाले 5 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य था. इसके अलावा जिलेभर में चिन्हित ड्रॉपआउट 70 बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ना था. कुल 70 में से 40 लड़के और 30 लड़कियों को ड्रॉपआउट बताया गया था. ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ने से संबंधित आंकड़ा भी शिक्षा अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं.

इचाक प्रखंड में सबसे अधिक ड्रॉपआउट बच्चे

सबसे अधिक इचाक प्रखंड में 30 विद्यार्थी की पहचान ड्रॉपआउट में की गई थी. चुरचू में 17, चौपारण में 10, केरेडारी में 3, कटकमदाग व पदमा प्रखंड में 4-4 और सदर व विष्णुगढ़ प्रखंड में एक-एक विद्यार्थी की पहचान ड्रॉपआउट में हुई थी. जिला स्तरीय रूआर कार्यशाला में शिक्षा अधिकारियों ने कहा था एक-एक बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के लिए री-एडमिशन ऑफ बैक टू स्कूल कैंपेन को एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाया गया है.

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1700 से अधिक नये बच्चों का हुआ नामांकन – डीएसई

जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) आकाश कुमार ने दावा किया है कि 15 दिनों तक चले रूआर कार्यक्रम बेहद सफल रहा है. 70 ड्रॉपआउट बच्चों को मिलाकर 1700 से अधिक नये बच्चों का नामांकन विभिन्न स्कूलों में लिया गया है. उन्होंने कहा सूची अपडेट हो रहा है. 2-3 दिनों में नये नामांकन से संबंधित सूची को जारी करेंगे.

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