Advertisement
कनीय संवर्ग शिक्षकों को बनाया प्रभारी प्रधानाध्यापक
हजारीबाग : हजारीबाग जिले के 13 प्लस टू विद्यालयों में पीजीटी के रूप में पदस्थापित शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि जिले के अधिकांश प्लस टू विद्यालयों में नियम विरुद्ध विद्यालय का प्रधानाध्यापक कनीय संवर्ग के पद पर कार्यरत हाई स्कूल के सहायक शिक्षक टीजीटी को नियुक्त कर […]
हजारीबाग : हजारीबाग जिले के 13 प्लस टू विद्यालयों में पीजीटी के रूप में पदस्थापित शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि जिले के अधिकांश प्लस टू विद्यालयों में नियम विरुद्ध विद्यालय का प्रधानाध्यापक कनीय संवर्ग के पद पर कार्यरत हाई स्कूल के सहायक शिक्षक टीजीटी को नियुक्त कर दिया गया है.
प्लस टू शिक्षक संघ के सचिव उदय शंकर मंडल ने कहा कि प्लस टू विद्यालय के प्रधान के रूप में प्राचार्य व उप प्राचार्य होने के लिए न्यूनतम योग्यता पीजीटी के रूप में पांच से आठ वर्ष सेवाकाल का अनुभव होना चाहिए. वही व्यक्ति प्लस टू विद्यालय के प्रधान पद पर रह सकता है. पीजीटी होना पहली प्राथमिकता है और नियम संगत भी. प्लस टू शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि कनीय संवर्ग के अधिनस्थ कार्य करने से जहां एक ओर प्लस टू शिक्षकों का मनोबल प्रभावित हो रहा है. वहीं दूसरी ओर विद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी प्लस टू शिक्षक पीजीटी को नहीं सौंपे जाने से राज्य में प्लस टू शिक्षा के उन्नयन का कार्य भी बाधित हो रहा है. हजारीबाग जिले में लगभग 70 प्लस टू शिक्षक बहाल हैं. जबकि पूरे झारखंड में 1200 प्लस टू शिक्षक हैं.
शिक्षा मंत्री को दिये गये
आवेदन में इन बिंदुओं का जिक्र है
इसमें हाई स्कूल और प्लस टू शिक्षकों का संवर्ग, ग्रेड पे, स्थापना समिति, अहर्ता सहित संरचना के सभी मौलिक तत्व अलग-अलग हैं.
हाई स्कूल शिक्षक तीन वर्षों के संतोषजनक सेवा के पश्चात राज्य स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से प्लस टू शिक्षक का पद प्राप्त कर सकते हैं. स्पष्ट है कि पीजीटी का पद हाई स्कूल के सहायक शिक्षक से वरीय संवर्ग का पद है.
प्लस टू शिक्षक व माध्यमिक शिक्षक की नियमावली केंद्रीय विद्यालय संगठन की नियमावली से अभिप्रेरित है. इसके अनुसार भी प्लस टू शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक से वरीय होता है.
प्लस टू विद्यालय की नियमावली 2012 के अनुसार प्लस टू विद्यालय के प्रधान पद के लिए पीजीटी होना पहली प्राथमिकता है.
माध्यमिक शिक्षकों का मूल ग्रेड पे 4600 जबकि प्लस टू शिक्षकों का 4800 है. इस आधार पर भी प्लस टू शिक्षक ही वरीय है.
उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षकों को उनके नियमावली का हवाला देकर नियुक्ति के साथ ही विद्यालय का प्रधान बनाया गया है. जबकि प्लस टू विद्यालय के नियमावली का अनुपालन अभी तक नहीं किया गया है.
प्लस टू शिक्षक हाइ स्कूल सहित मॉडल विद्यालयों में शिक्षण की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा रहे हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement