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राज्य का पहला कौशल आधारित विवि

हजारीबाग : आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग झारखंड का पहला कौशल विकास आधारित विश्वविद्यालय है. जो कौशल आधारित शिक्षा पद्धति पर जोर देता है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य है असंगठित क्षेत्र के युवाओं में शिक्षा के साथ-साथ उनमें कौशल विकास कर इतना सक्षम बनाना कि वे इस प्रतियोगिता के दौर में अपने करियर को एक नयी दिशा प्रदान […]

हजारीबाग : आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग झारखंड का पहला कौशल विकास आधारित विश्वविद्यालय है. जो कौशल आधारित शिक्षा पद्धति पर जोर देता है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य है असंगठित क्षेत्र के युवाओं में शिक्षा के साथ-साथ उनमें कौशल विकास कर इतना सक्षम बनाना कि वे इस प्रतियोगिता के दौर में अपने करियर को एक नयी दिशा प्रदान कर सकें.

साथ ही एक सफल उद्यमी के रूप में अपने करियर को एक नयी दिशा व एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकें. उक्त बातें आइसेक्ट यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति संतोष चौबे ने प्रेस कांफ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को तकनीकी स्तर पर कुशल पारंपारिक ज्ञान, मूल्यों का विकास करते हुए विद्यार्थियों को आधुनिक परिवेश के लिए तैयार किया जायेगा. विश्वविद्यालय शोध पर आधारित कल्चर का विकास करेगा.

तकनीकी कौशल व शिक्षा में निश्चित ही विश्वविद्यालय झारखंड में अपना एक अलग स्थान बनायेगी. युवाओं को सक्षम व प्रोफेशनल्स बनाना है. अभी विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट फैकल्टी में बीबीए, पीजीडीआरडी, एमबीए, कॉमर्स फैकल्टी में बीकॉम (ऑनर्स), बीकॉम कंप्यूटर एप्लीकेशन और एमकॉम, कंप्यूटर साइंस फैकल्टी में डीसीए, पीजीडीसीए, बीसीए, एमसीए, बीएससी (आइटी), एमएससी (आइटी), बीएससी एग्रीकल्चर, कला संकाय में बीए ऑनर्स, एमए, एमएसडब्ल्यू, बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस का पाठयक्रम अभी संचालित की जा रही है.

संतोष चौबे ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए सर्वसुविधायुक्त पुस्तकालय, अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब, मल्टीस्किल सेंटर, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, इंडस्ट्रीयल टाइअप्स, एंटरप्रेनेयोरशिप डेवलपमेंट, फिनिशिंग स्कूल, अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस, रचनात्मक गतिविधियां एवं स्पोर्ट्स गतिविधियां भी संचालित की जायेगी.

आनेवाले दिनों में पीएचडी एवं एमफिल की पढ़ाई भी शुरू की जायेगी. इस मौके पर कुलपति आरएन यादव, प्रतिकुलपति डॉ सितेश कुमार सिन्हा, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, भोपाल आइसेक्ट विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति बीके वर्मा उपस्थित थे.

आइसेक्ट ने देश भर में लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है : कुलसचिव डॉ मुनीष

आइसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमी, शिक्षाविद, अग्रणी विचारक, चर्चित साहित्यकार, कवि और सीनियर अशोका फेलो हैं. इनके पास इन क्षेत्रों का विराट अनुभव है. देश के अर्धशहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी व कौशल आधारित सेवाओं के प्रचार-प्रसार को सबसे पहले प्रारंभ करने का श्रेय उन्हें ही जाता है.

मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में 1955 में श्री चौबे का जन्म हुआ. उन्होंने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से 1981 में इलेक्ट्रॉनिक्स व टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की. श्री चौबे का चयन 1981 में भारतीय प्रशासनिक सेवा व 1977 में भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में हुआ. पर सूचना प्रौद्योगिकी को आम आदमी तक पहुंचाने के अपने लक्ष्य को लेकर उन्होंने इन सेवाओं को छोड़ा.

उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, नयी दिल्ली में अपना करियर प्रारंभ किया. नयी दिल्ली में वह देहली साइंस फोरम एनजीओ के संस्थापक रहे. उनकी रूचि विज्ञान, प्रौद्योगिकी शिक्षा व विकास के मुद्दों पर रही. इसी समय 1980 के दशक में आइसेक्ट की अवधारना मूर्त रूप से रही थी. आज आइसेक्ट भारत का कौशल विकास एवं प्रशिक्षण सेवाओं और ई गवर्नेंस के क्षेत्र में कार्य करने वाला सबसे बड़ा नेटवर्क है. देश के 29 राज्यों व तीन केंद्रशासित प्रदेशों में इसका नेटवर्क फैला है. वर्तमान में आइसेक्ट के लगभग 25000 सेंटर देश में कार्यरत हैं. आइसेक्ट ने देशभर में लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को विशेषकर ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्र में प्रशिक्षित किया है.

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित : कुलपति आरएन यादव

आइसेक्ट को अनेक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है. इनमें इंडियन इनोवेशन अवार्ड 2005, नेसकॉम आइटी इनोवेशन अवार्ड 2006, नेसकॉम इमर्ज 50 लीडर अवार्ड 2009, स्कान काॅरपोरेट लीडरशिप अवार्ड 2013, सामाजिक सरोकारों के लिए बिहार सरकार का अवार्ड 2014, वर्ल्ड एजुकेशन समिट अवार्ड 2015 और हाल ही में प्राप्त वर्ल्ड एजुकेशन अवार्ड 2016, आइसेक्ट ने अपने कौशल विकास के प्रोग्रामों के माध्यम से 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन किया है.

आइसेक्ट नेशनल स्किल डेवलपमेंट काॅरपोरेशन के साथ काम कर रहा है. इसमें आगामी 10 वर्षों में 13 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. भोपाल में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत आइसेक्ट एनएसडीसी मल्टी स्किल सेंटर सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है.

जब देश की अन्य संस्थाएं महानगरों की तरफ रूख कर रही थी, ऐसे समय आइसेक्ट ने अपना फोकस मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के अर्धशहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में किया. उद्देश्य था कि यहां के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिल पाये. आइसेक्ट की संस्थाएं आइसेक्ट समूह का महत्वपूर्ण भाग है.

आइसेक्ट ने 2006 में पहले निजी विश्वविद्यालय डॉ सीवी रमन विवि की स्थापना की थी : डॉ वीके वर्मा

आइसेक्ट ने 2006 में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल कोटा में पहले निजी विश्वविद्यालय डॉ सीबी रमन विश्वविद्यालय की स्थापना की. इसे आइएसओ 9001:2008 सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है. विश्वविद्यालय में 200 से अधिक प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं. इसी क्रम में 2012 में मध्यप्रदेश में भोपाल के समीप रायसेन जिले में आइसेक्ट विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी.

इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. विद्यार्थी अनेक कोर्सों के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं. विश्वविद्यालय में माइक्रोसॉफ्ट का मध्यप्रदेश का पहला क्लॉउड कांपिटेंशी सेंटर की शुरुआत की गयी है. विश्वविद्यालय को मध्य प्रदेश की बेस्ट अपकमिंग यूनिवर्सिटी का अवार्ड भी प्राप्त हुआ है.

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