हजारीबाग : इंतजार खत्म होगा. लाल और पीला राशन कार्ड छपना शुरू हो गया है. हजारीबाग जिले के 16 प्रखंड में से दो प्रखंड का कार्ड छप गया है. इस बार कार्ड का साइज काफी छोटा है. कार्ड में परिवार के सभी लोगों का नाम पीछे के पन्ने पर है. कार्ड में खास बात यह है कि इस कार्ड को लेकर जब उपभोक्ता राशन लेने जायेंगे तो कार्ड की जांच मशीन से होगी. सभी पंचायतों और वार्डों में रहनेवाले लोगों को शीघ्र ही कार्ड मिलेगा.
राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय व पूर्वता प्राप्त गृहस्थी योजना का कार्ड छपना शुरू हो गया है. जिले के टाटीझरिया व डाडी प्रखंड के सभी कार्ड छप गये हैं. आर्थिक-सामाजिक जनगणना के आधार पर जिले के एक लाख 79 हजार 533 परिवारों का राशन कार्ड बनना है. 56347 पीला कार्ड व एक लाख 23,186 लाल कार्ड बनेंगे. अगले माह से राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को राशन मिलना शुरू हो जायेगा.
राशन कार्ड वरिष्ठ महिला के नाम पर होगा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बननेवाला राशन कार्ड वरिष्ठ महिला गृहस्थी मुखिया के नाम पर होगा. किसी परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिला नहीं होने पर कार्ड पुरुष गृहस्थी के नाम पर जारी किया जायेगा. इस राशन कार्ड में सभी सदस्यों का नाम लिखा होगा. राशन कार्ड पर 12 डिजीट का यूनिक नंबर होगा.
राशन कार्ड के नीचे बार कोडिंग
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाये जा रहे राशन कार्ड का बार कोडिंग हुआ है. जिसमें कार्डधारी की पूरी जानकारी उपलब्ध है. राशन कार्ड में पीडीएस दुकानदार का नाम व पता भी लिखा रहेगा.
109587 राशन कार्ड के लिए नये आवेदन
जिले में कई लोगों ने शिकायत की है कि सामाजिक-आर्थिक जनगणना में उनका नाम छूटा हुआ है. जिसके चलते उनका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है. जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों के लिए आवेदन मांगा था. पूरे जिले में एक लाख नौ हजार 587 लोगों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जोड़ने के लिए आवेदन दिया है. सबसे ज्यादा आवेदन बड़कागांव और सबसे कम आवेदन पदमा से आया है.
25206 आवेदन सत्यापित नहीं
हजारीबाग जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रखंडों में दो लाख चार हजार 739 आवेदन सरकार से प्राप्त हुआ. इसमें मात्र एक लाख 79 हजार 533 आवेदनों का ही सत्यापन किया गया. 25306 आवेदकों का पता नहीं चल पाया. हजारीबाग नगर परिषद क्षेत्र में 12297 आवेदन सरकार से प्राप्त हुआ. जिसमें मात्र 1919 आवेदनों का ही सत्यापन हो पाया. बाकी आवेदनों में पता व नाम में त्रुटि होने के कारण इसका सत्यापन नहीं किया जा सका. शहर के 9830 आवेदकों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जोड़ने की मांग जिला प्रशासन से की है. खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनने वाला कार्ड एक सतत प्रक्रिया है. जो गलत नाम जुट गया है उसे हटाया जायेगा. जिले में एक लाख 79 हजार 533 परिवार के नौ लाख 87 हजार 435 सदस्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित होंगे. नये आवेदनों को जोड़ दिया जाये तो 12 लाख 22 हजार 435 सदस्य को इस योजना का लाभ मिलेगा.