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अब तक नहीं लगी स्ट्रीट लाइट एक चापानल भी हुआ सपना

हजारीबाग : नगर निगम के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के विवाद में हजारीबाग शहर का विकास कार्य बाधित है. शहर की स्थिति बदतर होती जा रही है. खास कर नगर निगम में शामिल होनेवाले नये वार्डों की स्थिति और भी अधिक दयनीय है. यहां विकास को कोई काम नहीं हो पा रहा है. निगम के वार्ड […]

हजारीबाग : नगर निगम के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के विवाद में हजारीबाग शहर का विकास कार्य बाधित है. शहर की स्थिति बदतर होती जा रही है. खास कर नगर निगम में शामिल होनेवाले नये वार्डों की स्थिति और भी अधिक दयनीय है. यहां विकास को कोई काम नहीं हो पा रहा है. निगम के वार्ड संख्या एक, दो, 23, 24 और 33 पहले प्रखंड क्षेत्र में था, लेकिन निगम क्षेत्र में आते ही इन वार्डों का विकास कार्य ठप पड़ गया. पिछले डेढ़ वर्षों से इन क्षेत्रों में विकास का कोई काम नहीं होने से जनता परेशान है.
स्थिति हुई नारकीय: इन वार्डों में निगम की ओर से लाइट, डस्टबीन नहीं दिये गये. नाली की स्थिति और भी दयनीय हो गयी. सफाई कर्मी इन वार्डों में नहीं जाते हैं, जिससे वार्डों की स्थिति नारकीय होती जा रही है. यहां तक की सामुदायिक शौचालय समेत किसी भी प्रकार की सुविधा निगम की ओर से नहीं दी गयी. निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और महापौर रौशनी तिर्की समेत जनप्रतिनिधि इन क्षेत्रों में विकास करने के बजाये आपसी विवाद में उलझ गये हैं. लोगों के अनुसार वह प्रखंड में ही अच्छे थे.
वार्ड पार्षद भी परेशान: वार्ड 23 के पार्षद दीपक सिंह ने कहा कि निगम में शामिल होने के बाद लोगों में विकास को लेकर उत्साह था, लेकिन अब तक किसी प्रकार का सुविधा नहीं मिली है. जनता उन्हें कोस रहे हैं. वार्ड 24 के पार्षद दिलीप साव, वार्ड एक के फिरोज, वार्ड दो और 33 के पार्षदों का भी कहना है कि निगम की ओर से क्षेत्र में कोई ध्यान नहीं दिया गया.

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