एक साल में बोर्ड की हुई महज चार बैठक
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एक साल में बोर्ड की हुई महज चार बैठक आरोप-प्रत्यारोप में ही बीता वक्त हजारीबाग : हजारीबाग नगर निगम में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कारण बोर्ड की नियमित बैठक नहीं हो पा रही है. 28 अप्रैल-2018 को नगर निगम का गठन हुआ था. इसके साथ ही शहर में 36 वार्डों […]
आरोप-प्रत्यारोप में ही बीता वक्त
हजारीबाग : हजारीबाग नगर निगम में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कारण बोर्ड की नियमित बैठक नहीं हो पा रही है. 28 अप्रैल-2018 को नगर निगम का गठन हुआ था. इसके साथ ही शहर में 36 वार्डों का भी गठन किया गया था. निकाय चुनाव के बाद प्रत्येक माह बोर्ड की बैठक तय की गयी थी, लेकिन विवाद के कारण निगम की स्थिति दयनीय हो गयी.
डेढ़ साल में महज चार बैठकें हुई. बोर्ड की पांचवीं बैठक महापौर रौशनी तिर्की और कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव के विवाद के कारण नहीं हो पायी. मेयर, डिप्टी मेयर और कार्यपालक पदाधिकारी में आपसी तनातनी के कारण शहरी क्षेत्र की स्थिति नारकीय हो चुकी है. सफाई नहीं होने से शहर की सूरत बदल गयी है. लोगों में आक्रोश है.
शुरू से ही रहा विवाद : हजारीबाग नगर निगम का चुनाव के बाद पहली बैठक 23 मई 2018 को हुई थी. इस बैठक में महत्वपूर्ण वार्षिक बजट भी विवादों में रहा. एक वर्ष का बजट 2019 के विकास कार्यों को लेकर था. इस बैठक में महापौर और कार्यपालक पदाधिकारी के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद यह बैठक स्थगित हो गयी थी, लेकिन इसके बावजूद बोर्ड की बैठक कार्यपालक पदाधिकारी ने करा दी. शहर के विकास कार्यों का एजेंडों पर अधिकारियों के विवाद का असर पड़ा.
कई योजनाओं का काम लंबित: बोर्ड की पांचवीं बैठक भी विवाद के कारण नहीं हो पायी. महापौर रौशनी तिर्की ने एक सप्ताह पूर्व बैठक के लिए फाइल बढ़ाई है. इसमें सभी वार्ड पार्षदों से एजेंडा मांगा गया है. विकास कार्यों की सूची मांगी गयी है. 14वें वित्त योजना से जो काम होना है, वह भी विवाद के कारण नहीं हो पा रहा है.
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