– माता-पिता एक साल पूर्व हो चुके हैं ठगी का शिकार
संजय सागर, बड़कागांव
20 साल बाद एक शख्स अपनी मां-पिता और गांव वालों के साथ होली खेलेगा. जब पुत्र ने 20 साल बाद अपने गांव में कदम रखा तो उसकी आंखों में आंसू छलक रहे. गांव वाले उसे देखकर फफक पड़े. हुआ यूं कि बड़कागांव थाना क्षेत्र के सांढ गांव निवासी झानू भुइयां का 35 वर्षीय पुत्र उमेश कुमार 20 साल बाद हरियाणा से अपने घर लौटा. ज्ञात हो कि इससे पूर्व पुत्र के वियोग में माता पिता 20 साल तक भटकते रहे.
इसका फायदा एक योगी ने भी पिछले साल उठाया. योगी जानू भैया का पुत्र बनकर आया और डेढ़ लाख रुपये लेकर फरार हो गया. जब उसका अपना खून घर आया तो उसे यकीन हुआ कि उमेश उसी का पुत्र है. जबकि 1 साल पहले आया हुआ योगी नकली बेटा समझा गया.
झानू के घर में मंगलवार मंगल ही मंगल बना
मंगलवार को अचानक 20 साल बाद झानू का बेटा अपने बीवी बच्चों के साथ घर वापस लौटा. जिससे पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. जिसको देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. झानू भुइया के घर में पूरी भीड़ लगी हुई है.
क्या है कहानी
20 साल पूर्व आंखमुन्दू भुइयां उर्फ उमेश ने अपने पड़ोसी बालेश्वर रविदास के पुत्र कारुराम के साथ काम करने को लेकर घर से निकला. जो शुरू में सिलीगुड़ी पहुंचा. काम नहीं मिलने के कारण साथ में गये कारू राम 1 माह के भीतर घर वापस लौट गया. वहीं उमेश भुइयां काम की तलाश में भटकते-भटकते हरियाणा पहुंच गया. जहां उसे बड़ी बीमारी का शिकार होना पड़ा.
जिस के इलाज को लेकर पैसा इकट्ठा करने लगा और अपना बीमारी ठीक किया तथा वहीं साथ में काम कर रहे महिला के साथ शादी रचा ली. जिसका घर बिहार का पूर्णिया जिला बताया जाता है. और दोनों फिर पति पत्नी के रूप में रहने लगे. जिससे 3 बच्चे हैं. दो पुत्री मुस्कान व नीलम तथा एक पुत्र कर्ण है. फिर उसके बाद उसके मन में घर के बारे में अभिलाषा जगी तो चिट्ठी लिखकर घर के बारे में जानकारी ली और उसमें अपना टेलीफोन नंबर दिया.
जिसके बाद से लगभग एक महीने पूर्व से लगातार टेलिफोनिक बात होती रही. होली के अवसर पर घर आने की जानकारी दी और अपने बीवी बच्चों के साथ घर वापस लौट गया. जिससे घर वालों के साथ-साथ ग्रामीणों में भी खुशी का माहौल है. उमेश हरियाणा में फिलहाल गन्ना छिलाई का काम करता है.