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झारखंडवासियों को राज्य मिला, स्वराज नहीं : सुदेश

गिद्दी (हजारीबाग) : आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मंगलवार को हेसालौंग गांव में झारखंड आंदोलन के क्रांतिकारी जयंत गांगुली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा की शुरुआत की. इस मौके पर सुदेश महतो ने स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि झारखंड के लोगों को राज्य मिल गया है, लेकिन स्वराज […]

गिद्दी (हजारीबाग) : आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मंगलवार को हेसालौंग गांव में झारखंड आंदोलन के क्रांतिकारी जयंत गांगुली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा की शुरुआत की. इस मौके पर सुदेश महतो ने स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि झारखंड के लोगों को राज्य मिल गया है, लेकिन स्वराज नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के चिंतन व दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है. भगवान बिरसा ने भी अबुआ दिशुम अबुआ राज की परिकल्पना की थी. गांधी जयंती पर इस पदयात्रा के माध्यम से आकलन कर रहे है कि स्वराज के मुकाम पर हम और हमारा राज्य झारखंड कहां खड़ा है. उन्होंने कहा कि गांव में लोगों की समस्याएं यथावत बनी हुई है. बुनियादी जरूरतों के लिए लोग तरस रहे हैं.
गांव की बेहतरी के लिए जो निर्णय चौपाल में होना चाहिए था, वह सचिवालय और प्रखंड मुख्यालय में हो रहा है. यह झारखंड के लिए दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि झारखंड के किसान, मजदूर, महिला व छात्र की जो आवाज दबी हुई है, उसे हम आवाज देना चाहते है. झारखंड में विस्थापन, रोजगार, पुनर्वास को लेकर कई सवाल है. तलाशने से ही इसका जवाब मिलेगा.
सरकार में हम भी शामिल है, लेकिन चूक कहां से हो रही है. पदयात्रा से ही हम इसे परखेंगे. श्री महतो ने कहा कि पार्टी की यह चुनावी पदयात्रा नहीं है. पदयात्रा में विधायक रामचंद्र सइस, देवशरण भगत, संजय वशु मल्लिक शामिल थे.
मांडू पहुंची पदयात्रा, लोगों ने किया स्वागत : हेसालौंग गांव से शुरू हुई सुदेश महतो की पदयात्रा सेनेगढ़ा, रबोध, रोयांग, बलसगरा होते हुए मांडू पहुंची. रास्ते में ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया. वह लोगों से उनकी समस्याएं भी सुन रहे थे.
गिद्दी (हजारीबाग) : आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मंगलवार को हेसालौंग गांव में झारखंड आंदोलन के क्रांतिकारी जयंत गांगुली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा की शुरुआत की. इस मौके पर सुदेश महतो ने स्वराज स्वाभिमान पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि झारखंड के लोगों को राज्य मिल गया है, लेकिन स्वराज नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के चिंतन व दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है. भगवान बिरसा ने भी अबुआ दिशुम अबुआ राज की परिकल्पना की थी. गांधी जयंती पर इस पदयात्रा के माध्यम से आकलन कर रहे है कि स्वराज के मुकाम पर हम और हमारा राज्य झारखंड कहां खड़ा है. उन्होंने कहा कि गांव में लोगों की समस्याएं यथावत बनी हुई है.
बुनियादी जरूरतों के लिए लोग तरस रहे हैं. गांव की बेहतरी के लिए जो निर्णय चौपाल में होना चाहिए था, वह सचिवालय और प्रखंड मुख्यालय में हो रहा है. यह झारखंड के लिए दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि झारखंड के किसान, मजदूर, महिला व छात्र की जो आवाज दबी हुई है, उसे हम आवाज देना चाहते है. झारखंड में विस्थापन, रोजगार, पुनर्वास को लेकर कई सवाल है. तलाशने से ही इसका जवाब मिलेगा.
सरकार में हम भी शामिल है, लेकिन चूक कहां से हो रही है. पदयात्रा से ही हम इसे परखेंगे. श्री महतो ने कहा कि पार्टी की यह चुनावी पदयात्रा नहीं है. पदयात्रा में विधायक रामचंद्र सइस, देवशरण भगत, संजय वशु मल्लिक शामिल थे.
मांडू पहुंची पदयात्रा, लोगों ने किया स्वागत : हेसालौंग गांव से शुरू हुई सुदेश महतो की पदयात्रा सेनेगढ़ा, रबोध, रोयांग, बलसगरा होते हुए मांडू पहुंची. रास्ते में ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया. वह लोगों से उनकी समस्याएं भी सुन रहे थे.
गिद्दी के हेसालौंग से हुई शुरुआत
आजसू पार्टी के अध्यक्ष ने कहा
गांव की बेहतरी के लिए चौपाल नहीं, सचिवालय में हो रहा है निर्णय
क्रांतिकारी जयंत गांगुली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पदयात्रा की शुरुआत
महात्मा गांधी के चिंतन व दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है
भगवान बिरसा ने भी अबुआ दिशुम अबुआ राज की परिकल्पना की थी
सरकार में हम भी शामिल है, लेकिन चूक कहां से हो रही है. पदयात्रा से ही हम इसे परखेंगे

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