हजारीबाग : हजारीबाग प्रक्षेत्र स्थित झारखंड कोलियरी के रैयतों के पक्ष में झारखंड उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा है कि हजारीबाग सीसीएल प्रबंधन रैयतों को आठ सप्ताह के अंदर नौकरी दे. कांड संख्या डब्लूपीसी नंबर-2807-07 के तहत याचिकाकर्ता रहावन गांव के बलदेव महतो सहित पांच लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. कोर्ट में 12 साल बाद याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है. यह आदेश जस्टिस पारमाथ पटनायक की अदालत में सुनाया गया.
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रैयतों को आठ सप्ताह के अंदर नौकरी दे सीसीएल
हजारीबाग : हजारीबाग प्रक्षेत्र स्थित झारखंड कोलियरी के रैयतों के पक्ष में झारखंड उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा है कि हजारीबाग सीसीएल प्रबंधन रैयतों को आठ सप्ताह के अंदर नौकरी दे. कांड संख्या डब्लूपीसी नंबर-2807-07 के तहत याचिकाकर्ता रहावन गांव के बलदेव महतो सहित पांच लोगों ने उच्च न्यायालय में […]
क्या था मामला: सीसीएल प्रबंधन का कहना था कि उपयोगी क्षेत्र में जमीन आने पर रैयतों को नौकरी दी जायेगी. इसी के विरुद्ध रहावन गांव निवासी बलदेव महतो सहित पांच लोगों ने झारखंड सरकार व सीसीएल प्रबंधन पर वर्ष 2007 में उच्च न्यायालय, रांची में याचिका दायर की. न्यायालय ने रैयतों की मांग को जायजा पाया, जिसके बाद नौकरी देने का आदेश पारित किया. उच्च न्यायालय ने रैयतों को नौकरी देने के लिये आठ सप्ताह का समय निर्धारित किया है. इसके अलावा गैरमजरुआ भूमि के लिए डीसी बोकारो, सीओ गोमिया को निर्देश दिया है कि उपरोक्त गैरमजरुआ जमीन की स्थिति संबंधी रिपोर्ट भेजें. साथ ही जमीन को सत्यापित करने का निर्देश
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