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हजारीबाग बस स्टैंड 88.2 डेसिबल के साथ सबसे अधिक प्रदूषित स्थान
खतरा. शहरी क्षेत्र में पांच साल में 30 डेसिबल तक बढ़ा है ध्वनि प्रदूषण जयनारायण हजारीबाग : हजारीबाग शहर में ध्वनि प्रदूषण अब जनजीवन का हिस्सा बन गया है. चौक-चौराहों पर हॉर्न की आवाज से लोग परेशान हैं. स्थिति यह है कि व्यावसायिक समेत आवासीय इलाकों में ध्वनि की मानक सीमा बढ़ गयी है. वाहनों […]
खतरा. शहरी क्षेत्र में पांच साल में 30 डेसिबल तक बढ़ा है ध्वनि प्रदूषण
जयनारायण
हजारीबाग : हजारीबाग शहर में ध्वनि प्रदूषण अब जनजीवन का हिस्सा बन गया है. चौक-चौराहों पर हॉर्न की आवाज से लोग परेशान हैं. स्थिति यह है कि व्यावसायिक समेत आवासीय इलाकों में ध्वनि की मानक सीमा बढ़ गयी है. वाहनों के शोर, तेज हॉर्न, शादी व पार्टियों में इस्तेमाल डीजे साउंड से यह स्थित उत्पन्न हुई है. वर्तमान में शहर में अधिकतम ध्वनि की सीमा 88.2 डेसिबल तक पहुंच गयी है, जबकि कुछ वर्ष पहले तक यह इलाका प्रमंडल का सबसे शांत शहरों में गिना जाता था. दूसरे राज्यों के पर्यटन यहां घुमने आते थे.
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 29 सितंबर-2017 को हजारीबाग शहर के 15 चौक चौराहों पर ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए यंत्र लगाया था. इस दौरान मशीन से ध्वनि रिकॉर्ड की, जो चौंकानेवाली है. किसी भी चौक-चौराहों पर मानक के अनुसार ध्वनि नहीं पायी गयी. रिकॉर्ड के अनुसार पांच साल में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 30 डेसिबल से अधिक बढ़ा है.
साइलेंस जोन हो, कॉमर्शियल जोन और रेसिडेंशियल जोन में भी ध्वनि का स्तर मापा गया. मटवारी गांधी मैदान रेसिडेंशियल एवं व्यावसायिक क्षेत्र माना जाता है. यहां पर ध्वनि का मानक 78.2 डेसिबल रिकॉर्ड किया गया, जो पांच साल के पहले रिकॉर्ड ध्वनि से 23 डेसिबल अधिक है. यहां 65 डेसिबल ध्वनि मापी गयी. सरकारी बस स्टैंड के क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया. यहां पर 88.2 डेसिबल ध्वनि मापी गयी है, जो पांच साल में 31 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है.
पांच साल में बढ़ा ध्वनि प्रदूषण: हजारीबाग शहर में पांच साल में ध्वनि प्रदूषण में इजाफा हुआ है. पूजा पाठ, पर्व-त्योहार, जन्मदिन से लेकर शादी ब्याह तक के अलावा हर छोटे-बड़े अवसर पर लाउडस्पीकर पर गाना बजाये जाते हैं. कई बार एक वाहन में दस-दस साऊंड बॉक्स बंधे रहते हैं, जो ध्वनि प्रदूषण बढ़ने का कारण है. सड़क पर वाहनों में प्रेशर हॉर्न लगे रहते हैं. इस कारण भी ध्वनि प्रदूषण होता है.
शहर में कहां कितना ध्वनि प्रदूषण
डिस्ट्रिक बोर्ड चौक-85.5 डेसिबल, इंद्रपुरी चौक 83.7, सदर अस्पताल-48.2, झंडा चौक-87.5, यादव बाबू चौक-65.8, बंशीलाल चौक-75.5, सिविल कोर्ट-44.4, जिला स्कूल-43.5, संत कोलंबस कॉलेज कैंपस-47.5, देवांगना चौक-87.5, पीटीसी चौक-52.5, डीवीसी टाउनशिप क्षेत्र-53.5 डेसिबल रिकॉर्ड दर्ज है. व्यावसायिक क्षेत्र में 65, शांति क्षेत्र में 50 और आवासीय क्षेत्र में 55 डेसिबल ध्वनि मापी गयी है.
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