गुमला. वीर शहीद तेलंगा खड़िया स्मारक समिति ढिढौली के तत्वावधान में बुधवार को वीर शहीद तेलंगा खड़िया के शहादत दिवस पर तेलंगा मेला का आयोजन ढिढौली में किया गया. मुख्य अतिथि कल्याण मंत्री चमरा लिंडा की धर्मपत्नी ललिता लिंडा ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा, संस्कृति व भाषा पर ध्यान देना होगा, तभी समाज का संपूर्ण विकास होगा. कलावती खड़िया ने कहा कि खड़िया जनजाति के पारंपरिक वेशभूषा व संस्कृति को बचाना होगा. सोमरा खड़िया ने वीर शहीद तेलंगा खड़िया की वीर गाथा को विस्तार से बताया. वीर शहीद तेलंगा खड़िया ने समाज की समस्या और शोषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ी है. समाज को जागरूक करने के लिए वीर शहीद तेलंगा खड़िया ने जूरी पंचायत का गठन किया. डॉक्टर चंद्रकिशोर केरकेट्टा ने कहा कि वीर शहीद तेलंगा खड़िया के सपने को पूरा करना होगा. वीर शहीद तेलंगा खड़िया का सपना था कि खड़िया समाज की भाषा बचे. किसी भी समाज की पहचान उनकी भाषा से होती. इसलिए भाषा को बचाना समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए. स्वागत भाषण राजेश खड़िया व संचालन असरू खड़िया ने किया. कार्यक्रम में विभिन्न गांवों से 253 नृत्य मंडलियों ने भाग लिया. मौके पर फादर जेम्स डुंगडुंग, सूरज डुंगडुंग, अंजु कुमारी, मंगरा खड़िया, शिरोमणि खड़िया, जीतू खड़िया, फकीरचंद भगत, खपाई खड़िया, अनिमा खड़िया, सुरेश खड़िया, सुदेश खड़िया, राजकुमार खड़िया, शिबा पाहन, जितेश्वर खड़िया, जयप्रकाश उरांव, बजे खड़िया, बिंदेश तिर्की, जितया उरांव, करन उरांव, जोहन डुंगडुंग, निर्मल खड़िया, अनिल खड़िया, सुरेश गोप, सुखलाल खड़िया, अमित खड़िया, विकास खड़िया, बिरसा खड़िया, इरसा खड़िया, परम भगत, कार्तिक खड़िया, विसल खड़िया, बलदेव भगत मौजूद थे.
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