गुमला. घाघरा प्रखंड के खंभिया कुंबाटोली गांव के मजदूर अनुज साहू की मौत ढाई माह पहले तेलंगाना राज्य के नागरकुरनूल जिले में नहर निर्माण के दौरान सुरंग धंसने से हो गयी थी. ढाई माह तक तेलंगाना सरकार शव की तलाश की. जब शव नहीं मिला, तो सरकार ने भी अनुज साहू को मृत मान लिया. साथ ही मुआवजा के रूप में तेलंगाना सरकार ने परिजनों को 25 लाख रुपये दिया. इसके बाद परिजनों ने अपने बेटे को मृत मान कर उसका पुतला बना कर हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया. अनुज के पिता राम प्रताप साहू ने मुखाग्नि दी. परिजन पुतला बना कर शव यात्रा घर से शुरू होकर बाकी नदी मुक्ति घाट पहुंची. इस दौरान मां समेत परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. महिलाओं व बच्चों के कंद्रन से गांव का माहौल गमगीन हो उठा. अंतिम संस्कार में अनुज के दादा चमार साहू, बड़े पिता सुरेश साहू, शिवनाथ साहू, महली साहू, महरंग साहू, रमेश साहू, शंकर साहू, धर्मा साहू, छोटू साहू, दिग्विजय साहू, अरुण साहू, पति साहू, चंद्रपति साहू समेत ग्रामीण व परिजन शामिल थे.
युवक ने फांसी लगा कर की आत्महत्या
घाघरा. थाना क्षेत्र के लुदगो गांव निवासी राजबली उरांव (28) ने गांव स्थित गिरजाघर के समीप पेड़ में रस्सी के सहारे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. इसकी सूचना मिलते पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया. जानकारी के अनुसार उक्त युवक चार दिन पहले ईंट-भट्ठा से कमा कर वापस लौटा था. मंगलवार को दिन के 10 बजे घर से नशे में निकला था. और गांव में ही घूम रहा था. इसके बाद दोपहर एक बजे ग्रामीणों ने राजबली को फांसी पर लटकता देख उसकी जानकारी परिजनों को दी. समाचार लिखे जाने तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका था. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है