रायडीह. रायडीह प्रखंड के कोब्जा गांव में प्रकृति पर्व सरहुल गुरुवार को मनाया गया. सरहुल में सर्वप्रथम बैगा पुजार मांगा बैगा, पुनू पुजार, कामिल प्रधान, तुंबा बैगा ने सामूहिक रूप से कोब्जा सरना स्थल पर पारंपरिक तरीके से विधिवत पूजा की गयी. गांव व समाज में सुख, शांति, समृद्धि, अच्छी बारिश, अच्छी फसल, पर्यावरण अच्छा होने की कामना की. इसके बाद सरहुल शोभा यात्रा सरना स्थल से शुरू होकर मुख्य कोब्जा बस्ती होते हुए कोब्जा बजार बगीचा पहुंची, जहां पर जनजाति आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष द्वारा सांस्कृतिक समागम का आयोजन हुआ. इसमें जनजातीय समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा परिधान में ढांक, मांदर व घंट की धुन पर नाच गाकर खुशियां मनायी गयी. सांस्कृतिक समागम में शामिल सभी खोड़हा दल के सदस्यों को सरहुल संचालन समिति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. वनवासी कल्याण केंद्र गुमला के विभाग संगठन मंत्री खेदू नायक ने कहा कि प्रकृति पर्व सरहुल जनजातीय समुदाय की पहचान है. उन्होंने कहा कि सरहुल महोत्सव के समय प्रकृति, पर्यावरण शुद्ध रूप से अपना पुराने पत्तों को बदल कर नया स्वरूप ग्रहण करता है. मौके पर अध्यक्ष सुखराम उरांव, सचिव जीवन उरांव, कोषाध्यक्ष दुखू सोरेंग, प्रमुख ममता सोरेंग, थाना प्रभारी मुकेश प्रसाद टुडू, बिशु सोरेंग, तारामणि सोरेंग, मोहन चंद्र सिंह, भीम सिंह, अमरनाथ सिंह, जीत वाहन सिंह, विजय उरांव, बुधना उरांव, भाकू उरांव, नरेंद्र राम, राजू उरांव, विष्णु सिंह आदि मौजूद थे.
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