घाघरा. तेलंगाना नहर योजना में फंसे मजदूर खंभिया कुंबाटोली निवासी अनुज साहू की आस में बैठी मां गायत्री देवी खाना पीना त्याग कर दिनभर मोबाइल को निहारते रहती है कि कब मेरे बेटे की सकुशल बरामद की खबर मिले. कब मैं उससे बात कर पाऊं. ज्ञात हो कि तेलंगाना में नहर प्रोजेक्ट का हिस्सा गिरने से फंसे झारखंड के आठ मजदूर में से एक घाघरा प्रखंड के खंभिया कुंबाटोली के रहने वाला है. प्रशासन द्वारा घटना के बाद परिजनों को तेलंगाना बुलाया गया. इस दौरान अनुज के पिता रामप्रताप साहू तेलंगाना पहुंच चुके है. मां गायत्री देवी घर पर है. जिनका रो-रो कर बुरा हाल है. बार-बार यह कह कर रोती है कि अब मैं अपने बेटे को कहीं नहीं जाने दूंगी. एक बार मेरे बेटे को घर ला दो. हे भगवान मेरा बेटे को सुरक्षित मेरे पास पहुंचा दो. पूरे गांव के लोग अनुज की सकुशल वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. जब से घटना की सूचना मिली है तब से मां गायत्री खाना पीना छोड़कर अपने बेटे के आने की आस में बैठी है. अनुज की मां ने बताया कि उसका बेटा 10 मार्च को घर आने के लिए टिकट कराया था. इस बार साथ में होली मनाने की बात कह रहा था. हम सभी काफी खुश थे कि होली में हमारा बेटा घर आ रहा है.
गांव के पांच मजदूर घर आ रहे हैं
गांव के पांच मजदूर उसी परियोजना में काम करने के लिए गये थे. जब से सुरंग का हिस्सा धंसा है. काम छोड़ कर घर आने के लिए निकल पड़े हैं. अभी वे पांचों मजदूर रास्ते पर हैं.
बेटा की याद में गुमशुम है मां
बेटा के आने की उम्मीद में मायूस बैठी रहती है मां. पूरे गांव के लोग आकर माता गायत्री को ढाढस बांधते रहते हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा सुरक्षित है और वह जरूर घर आयेगा.
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