गुमला. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत पौधरोपण के सफल क्रियान्वयन को लेकर सदर प्रखंड कार्यालय सभागार में एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय कार्यशाला हुई. कार्यशाला में सदर प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, प्रदान, जेएसएलपीएस, बागवानी सखी समेत मनरेगा कर्मी शामिल हुए. कार्यशाला में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत आम, लीची, अमरूद, पपीता, शरीफा समेत अन्य फलों की बागवानी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी. मनरेगा लोकपाल शहबान शेख ने कहा कि मनरेगा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. मजदूरों को ध्यान में रख कर बनायी गयी यह योजना ग्रामीण इलाकों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है. मनरेगा न सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही मजदूरों को रोजगार मुहैया करा रही है, बल्कि इसके माध्यम से विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. बिरसा हरित ग्राम योजना भी मनरेगा का एक हिस्सा है. योजना के माध्यम से हर साल फलों विशेषकर आम की बागवानी करायी जा रही है. बागवानी में स्थानीय मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. बागवानी करने वाले अपने फलों को बाजार में बिक्री कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्यशाला में बागवानी की सभी बारीकियों को अच्छी तरह से समझ लें, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशान नहीं हो और बागवानी सफल रहे. बीपीओ जास्मिन केरकेट्टा ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत अब मिश्रित फलों की बागवानी करायी जा रही है. इससे न केवल स्थानीय स्तर पर ही फलों का उत्पादन किया जा रहा है, बल्कि फलों के मामले में गुमला आत्मनिर्भर बन रहा है. कहा कि बागवानी के बाद कई किसानों के पौधे देख-रेख के अभाव में बेकार हो जाते हैं. इससे बागवानी खराब होती ही है. साथ ही उस बागवानी में सरकार द्वारा लगाये गये पैसे भी बर्बाद हो जाते हैं. मौके पर लेखा सहायक सोबिया फिरदौस, कनीय अभियंता शंकर किंडो आदि मौजूद थे.
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