31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेटेस्ट वीडियो

Gumla Literature Festival: पढ़ने की आदत से निखरता है व्यक्तित्व, गुमला साहित्य महोत्सव में बोले वरुण ग्रोवर

Advertisement

Gumla Literature Festival: तीन दिवसीय द्वितीय गुमला साहित्य महोत्सव-2025 संपन्न हो गया. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार, लेखक और स्टैंडअप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने बताया कि पढ़ने की आदत ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी. किताबों को लेकर उत्सव होना चाहिए क्योंकि पढ़ने की आदत व्यक्तित्व निखारती है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Advertisement

Gumla Literature Festival: गुमला-झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद एवं झारखंड कोल इंडिया लिमिटेड के तत्वावधान में गुमला प्रशासन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय द्वितीय गुमला साहित्य महोत्सव-2025 सोमवार को संपन्न हो गया. यह महोत्सव झारखंड की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ. साहित्य, पर्यावरण संरक्षण, सिनेमा, आदिवासी समाज, शिक्षा एवं युवा अभिव्यक्ति जैसे विविध विषयों पर संवाद में देशभर के प्रख्यात साहित्यकारों, पर्यावरणविदों, गीतकारों, फिल्मकारों एवं समाज सुधारकों ने भाग लिया. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार, लेखक और स्टैंडअप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने बताया कि पढ़ने की आदत ने उनके जीवन को नई दिशा दी है. हर क्षेत्र में किताबों को लेकर उत्सव होना चाहिए. पढ़ने की आदत व्यक्तित्व निखारती है.

पर्यावरण संरक्षण एवं वाइल्डलाइफ पर विमर्श


महोत्सव के प्रथम सत्र में पर्यावरण संरक्षण एवं वाइल्डलाइफ पर गहन चर्चा की गयी. इस सत्र में प्रख्यात पक्षी विज्ञानी, लेखक एवं संरक्षणवादी बिक्रम ग्रेवाल और प्रसिद्ध लेखक चंद्रहास चौधरी ने भाग लिया. बिक्रम ग्रेवाल ने बर्ड वॉचिंग को बढ़ावा देने पर बल दिया और इसे प्राकृतिक सौंदर्य को देखने और समझने का अनमोल तरीका बताया. उन्होंने बताया कि यह निःशुल्क गतिविधि है और इसे सभी को अपनाना चाहिए. उन्होंने नागालैंड में पक्षी संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे वहां अक्टूबर के महीने में हर दिन 10,000 पक्षियों का शिकार किया जाता था, लेकिन जागरूकता अभियान के माध्यम से इसे घटाकर 50-60 तक लाया गया. उन्होंने कहा कि यदि प्रकृति का संतुलन बनाए नहीं रखा गया, तो भविष्य में गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है.

वरुण ग्रोवर ने साझा की साहित्यिक और सिनेमाई यात्रा


दूसरे सत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार, लेखक और स्टैंडअप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने अपनी साहित्यिक और सिनेमाई यात्रा साझा की. यदुवंश प्रणय ने उनसे विभिन्न सवाल किए और उनके जीवन एवं करियर के अनछुए पहलुओं को उजागर किया. वरुण ग्रोवर ने बताया कि कैसे पढ़ने की आदत ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में किताबों को लेकर उत्सव होना चाहिए क्योंकि पढ़ने की आदत व्यक्तित्व को निखारती है. उन्होंने अपनी लेखन यात्रा, शुरुआती संघर्ष, गैंग्स ऑफ वासेपुर, मसान (2015) और अन्य फिल्मों के लिए किए गए कार्यों के बारे में बताया. उन्होंने स्टैंडअप कॉमेडी को अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बताया और कहा कि कॉमेडी में वे उन चीजों को कह सकते हैं, जो अन्य माध्यमों से कहना मुश्किल होता है. उन्होंने अपनी फिल्म ऑल इंडिया रैंक 1 पर भी चर्चा की, जो शिक्षा प्रणाली और छात्रों पर पढ़ाई के दबाव को दर्शाती है.

महेश्वर सोरेन और संजीव कुमार मुर्मू के बीच संवाद


इस सत्र में आदिवासी समाज और उसकी समस्याओं पर लेखनी की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श हुआ. फार्मेसी ऑफिसर और प्रसिद्ध साहित्यकार महेश्वर सोरेन ने बताया कि उन्होंने पांचवीं कक्षा से ही लेखन की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि जहाँ अंधविश्वास हावी है, वहां बदलाव लाने के लिए साहित्य की शक्ति अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से आदिवासी समाज की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी दी.

लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप से संवाद


झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में लाइब्रेरी आंदोलन की शुरुआत करनेवाले संजय कच्छप ने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि शराब की दुकानें आसानी से गांवों में पहुंच गईं, लेकिन पुस्तकालय नहीं. इसी सोच के साथ उन्होंने 2008 में सामुदायिक भवनों को पुस्तकालयों में बदलने की पहल की. उन्होंने कहा कि उनकी मुहिम का उद्देश्य हर गांव और हर समुदाय तक किताबों की पहुंच सुनिश्चित करना है. उन्होंने युवाओं से पढ़ने की आदत विकसित करने और ज्ञान की रोशनी फैलाने की अपील की.

उदय प्रकाश और पंकज मित्रा के बीच संवाद


इस सत्र में चर्चित साहित्यकार उदय प्रकाश और पंकज मित्रा ने Unraveling Stories: Traditional Identity and Expression विषय पर विचार साझा किए. उदय प्रकाश ने कहा कि हर व्यक्ति अपने आप में एक उपन्यास और एक कहानी है. उन्होंने कहा कि साहित्य केवल आधुनिक जीवन के लिए नहीं है, बल्कि प्रकृति और संस्कृति से जुड़कर लिखी गई कहानियां अधिक प्रभावशाली होती हैं. इस सत्र में प्रसिद्ध लेखक, अभिनेता एवं निर्देशक ज़ीशान कादरी ने फिल्म निर्माण की प्रक्रिया और अपने संघर्षों पर बात की. उन्होंने कहा कि सिनेमा या तो अच्छा होता है या बोरिंग, जिसे हम आर्ट फिल्म का नाम दे देते हैं. उन्होंने गैंग्स ऑफ वासेपुर के निर्माण की कहानी, फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्ष और नए लेखकों एवं निर्देशकों के लिए सुझाव साझा किए. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में संघर्ष होता है, लेकिन मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है.

ओपन माइक सेशन में स्थानीय युवाओं की शानदार प्रस्तुति


कार्यक्रम के अंतिम चरण में ओपन माइक सेशन आयोजित किया गया, जिसमें गुमला जिले के प्रतिभाशाली युवा कवियों, गजलकारों और कहानीकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं. आज के महोत्सव में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी, पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त गुमला, परियोजना निदेशक ITDA सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: गुमला साहित्य महोत्सव में साहित्यकारों का समागम, हेमंत सोरेन ने भेजा ये संदेश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement

अन्य खबरें

Advertisement
Advertisement
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels