गुमला. रोम के पोप फ्रांसिस के निधन पर संत पात्रिक महागिरजा गुमला में बुधवार को मिस्सा सह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में गुमला धर्मप्रांत के वीजी फादर एम्मानुएल कुजूर ने मिस्सा करायी. मौके पर फादर एम्मानुएल ने कहा कि संत पिता बेनेदिक्त 16वें इस्तीफे के बाद 13 मार्च 2013 को पोप फ्रांसिस उनके उत्तराधिकारी बनाये गये. उन्होंने संत फ्रांसिस के सम्मान में फ्रांसिस को अपना पोप नाम रखा. संत पिता फ्रांसिस ने अपने पूरे सार्वजनिक जीवन में अपनी विनम्रता, ईश्वरीय दया पर जोर, अंतरराष्ट्रीय दृश्यता, गरीबों की चिंता, अंतर धार्मिक संवाद में प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे और सादगी भरा जीवन जिये. संत पिता फ्रांसिस ने कहा कि विश्वासियों का मूल कार्य नियमों का पालन करना नहीं, बल्कि यह समझना है कि ईश्वर उन्हें क्या करने के लिए बुला रहा है. संत पिता फ्रांसिस ने कलीसिया के अगुवों से कहा था कि चर्च के चरवाहों को अपनी भेड़ों की गंध होनी चाहिए और लोगों को हमेशा ईश्वर के करीब रहना चाहिए. फादर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, अंतर धार्मिक संवाद, गरीबों व जरूरतमंदों की मदद, मानव अधिकारों की रक्षा, वटिकन प्रशासनिक सुधार, समलैंगिक अधिकारों की रक्षा, महिलाओं के पैर धोना व कैदियों के पैर धोना संत पिता फ्रांसिस के प्रमुख कार्य हैं. फादर ने कहा कि सचमुच यह एक गहरा दुख का क्षण है. संत पिता पोप फ्रांसिस के निधन समस्त विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका प्रेम, करुणा व सेवा भाव हमें सदा प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कलीसिया को एक नयी दिशा दी. उन्होंने ईश्वरीय प्रेम को संसार में फैलाया और हर जरूरतमंदों तक पहुंचने का प्रयास किया. संत पिता फ्रांसिस हमेशा हमारे दिल में जीवित रहेंगे और हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहेंगे. इससे पूर्व पुरोहितों, धर्मबहनों व ख्रीस्त विश्वासियों ने पोप फ्रांसिस की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मौके पर पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का, फादर मनोहर खोया, फादर सुमन, फादर जयवंत, फादर जॉर्ज, फादर खुशमन, फादर कुलदीप, फादर नवीन, फादर अविनाश, फादर अमृत, फादर रंजीत, फादर अरविंद, फादर मूनसन, फादर अगुस्टीन आदि मौजूद थे.
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