गुमला.
कृषि विज्ञान केंद्र गुमला विकास भारती बिशुनपुर में शनिवार को प्लांट वेराइटी प्रोटेक्शन एंड फाॅर्मर राइट अधिकार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता पूर्व कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह ने की. मौके पर डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस प्राधिकरण द्वारा किसान हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है. इसके किसानों को उनके प्रभेद के संरक्षण व विस्तार के लिए अधिकार देता है. इससे आनेवाले दिनों में उन्हें इसका उचित लाभांश मिल सके. कार्यक्रम में उप निदेशक पीपीवी एंड एफआरए रांची डॉ हरिश्चंद्र सिंह ने किसानों को फसलों की जैव विविधता, बीज संरक्षण, पौध किस्मों के पंजीकरण व किसानों के अधिकारों के संबंध में जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के बारे में वैज्ञानिक व प्रधान डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र लगभग 350 फसल प्रभेदों का पंजीकरण करा चुका है. इसमें लगभग 28 किसानों को सर्टिफिकेट उपलब्ध हो चुका है. परंतु आनेवाले दिनों में और किसानों को यह सर्टिफिकेट सरकार द्वारा प्राप्त होगा. साथ ही उन्होंने पौध किस्म संरक्षण अधिनियम 2001 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. किसानों को उनकी पारंपरिक किस्मों के संरक्षण व लाभों के बारे में जागरूक किया. विकास भारती बिशनपुर के संयुक्त सचिव महेंद्र भगत ने पुराने बीजों को संरक्षित करने के लिए किसानों को प्रेरित किया. भिखारी भगत ने किसानों को जैविक व परंपरागत खेती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह पद्धति देश के किसानों के हित के लिए काफी हितकारी है. कार्यक्रम में 255 किसानों, वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों ने भाग लिया. किसानों ने अपने अनुभव साझा किये और बीज पंजीकरण प्रक्रिया व लाभों से संबंधित सवाल पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया. कार्यक्रम में जिले के 12 प्रखंडों के लगभग 225 फसल प्रभेदों का शनिवार को पंजीकरण किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के वैज्ञानिकों ने किसानों को जैव विविधता संरक्षण व सतत कृषि के महत्व पर जोर दिया. कार्यक्रम के अंत में किसानों को प्रमाण पत्र व जानकारी सामग्री वितरित की गयी. कार्यक्रम में 18 किसानों को सम्मानित किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है